हाई कोर्ट के जस्टिस धर्मेश शर्मा ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि यह भूमि मास्टर प्लान-2021 के जोन-ओ के अंतर्गत आती है, जो एक बाढ़ क्षेत्र है. इसका मतलब है कि यहां किसी भी प्रकार का स्थायी निर्माण या कब्जा करना न केवल गलत है, बल्कि इससे यमुना नदी की प्राकृतिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है.