जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'कटेंगे तो बंटेंगे' का नारा दिया था, तब केशव प्रसाद मौर्य ने इससे किनारा कर लिया था. उन्होंने कहा था कि वे नहीं जानते की सीएम ने ये बात क्यों कही पर ये नारा हमारा नहीं है.
मौर्य ने कहा कि उनका नारा हमेशा से "एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे" रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत से मेल खाता है.
विश्लेषकों के अनुसार, बीजेपी का उद्देश्य हिंदू समाज में एकता लाकर चुनावी लाभ हासिल करना है. राज्यवार चुनावों में जातीय राजनीति का असर बढ़ता जा रहा है, और बीजेपी इसे अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रही है.
योगी आदित्यनाथ का "बंटेंगे तो कटेंगे" नारा अब महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुका है. जहाx कुछ नेता इसे एकता और मजबूती की ओर इशारा मानते हैं, वहीं कई अन्य इसका विरोध कर रहे हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों पर कहा कि अब उनकी भाषा बदल गई है. उन्होंने कहा, "मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बनती है. जो लोग खुद पर से सच्चे मुकदमे हटवाकर दूसरों पर झूठे मुकदमे लगाते हैं, उन्हें कम ही बोलना चाहिए ताकि उनकी सच्चाई छुपी रह सके."
Maharashtra Assembly Election 2024: चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी दलों का गठबंधन महाअघाड़ी नहीं बल्कि महाअनाड़ी गठबंधन है.
CM Yogi: झारखंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि औरंगजेब ने देश को लूटा था, मंदिरों को नष्ट किया था उसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक मंत्री था आलमगीर आलम जिसके घर से नोटों की गड्डियां मिली थीं.
Yogi Adityanath Death Threat: न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरोपी महिला इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी में बीएससी कर चुकी है. उसकी पहचान फातिमा खान के रूप में हुई है, जोकि ठाणे के उल्हासनगर इलाके में अपने परिवार के साथ रहती है.
सीएम योगी के "बंटेंगे तो कटेंगे" वाले बयान पर विपक्षी दलों, विशेषकर समाजवादी पार्टी, की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
इस नए आदेश के अनुसार, प्रदेश में दीपावली के मौके पर 31 अक्टूबर और 1 नवंबर, दोनों दिन शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे. इस अतिरिक्त छुट्टी की भरपाई के लिए 9 नवंबर को शासकीय कार्यालय सामान्य कार्य दिवस की तरह खुले रहेंगे.