गीतकार ने कहा, "स्त्रीत्व और हिंदी, दोनों ने हमें सहनशक्ति सिखाई है वरना इस ज़हर उगलने वाले साँप के विषदंत तोड़ने वाले हिंदी माँ के बेटे-बेटियों की भारत में कोई कमी नहीं है."