Chhattisgarh: 2 किलोमीटर पैदल चलकर नदी पार कर स्कूल पहुंचे सरगुजा कलेक्टर, शिक्षकों को लगाई कड़ी फटकार

Chhattisgarh: सरगुजा कलेक्टर पथरीले जटिल रास्ते से होते हुए लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर शासकीय प्राथमिक शाला ढोढाडीह तथा पैदल ही मछली नदी पारकर प्राथमिक शाला करम्हा एवं आंगनबाड़ी में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया.
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नदी पार करते कलेक्टर

Chhattisgarh News: सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर मैनपाट इलाके के कई सरकारी स्कूलों में पहुंचे. इस दौरान बच्चों से पहाड़ा पूछा. इस दौरान एक बच्चे ने 19 का पहाड़ा सुनाया तो कलेक्टर इतने खुश हो गए कि उन्होंने उस बच्चे को अपना पेन गिफ्ट कर दिया. इस दौरान कलेक्टर कुछ स्कूलों में 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल पहुंचे, क्योंकि स्कूल जाने वाले रास्ते में नदी और नाले हैं. कलेक्टर अपनी गाड़ी में हरी सब्जियां भी स्कूलों के लिए लेकर पहुंचे थे उन्होंने कुछ स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में हरी सब्जी बनाने के लिए लौकी और अन्य हरी सब्जियां प्रदान की. साथ ही साथ बच्चों को उन्होंने टाफी और बिस्किट भी अपने हाथों से दिया.

पैदल चलकर, नदी पार कर स्कूल पहुंचे कलेक्टर

पथरीले जटिल रास्ते से होते हुए लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर शासकीय प्राथमिक शाला ढोढाडीह तथा पैदल ही मछली नदी पारकर प्राथमिक शाला करम्हा एवं आंगनबाड़ी में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया. इस दौरान कलेक्टर ज़ब पैदल नदी पारकर स्कूल का निरीक्षण करने पहुंच गए. तब कुछ अधिकारियों ने कलेक्टर को नदी पार कर एक वाहन लेने के लिए भेजा लेकिन गाड़ी वहां नदी में फस गई इसके बाद ट्रैक्टर के सहारे वाहन को बाहर निकाला गया. ऐसे में कलेक्टर पैदल ही स्कूल का निरीक्षण कर वापस नदी के दूसरी तरफ पहुंचे. कलेक्टर ने अपने निरीक्षण के दौरान स्कूलों में बच्चों के लिए बनाए जाने वाले भोजन का भी जायजा लिया और उसकी क्वालिटी चेक किया. उन्होंने इस दौरान शिक्षकों को बच्चों को ठीक तरीके से पढ़ाने का निर्देश दिया. सबसे बड़ी बात है कि मैनपाट के इन पहुंच विहीन स्कूलों में शिक्षक हर रोज बरसात के दिनों में नदी पार कर पहुंचते हैं. इस दौरान जब नदी में बाढ़ की स्थिति बन जाती है तो स्कूल बंद करने की भी नौबत आ जाती है। स्थानीय लोग भी लंबे समय से मछली नदी सहित अन्य नदी और नालों में पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं ताकि बरसात के दिनों में भी इन गांवों के लोग आसपास के गांव सहित शहर से जुड़े रहे और परेशानी का सामना न करना पड़े. कलेक्टर ने कहा है कि इन नदियों और नालों में पुल और पुलियों का निर्माण किया जाएगा.

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स्कूल में व्यवस्थाओं का लिया जायजा

मैनपाट में सबसे अधिक माझी जनजाति के लोग रहते हैं, और माझी जनजाति के बच्चे कम संख्या में स्कूल पहुंच रहे हैं क्योंकि माझी जनजाति में जहां जागरूकता की कमी है वहीं माझी जनजाति परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं जिसकी वजह से माझी जनजाति के बच्चे यहां दूसरे के घरों में मजदूरी करते रहते हैं. यही वजह है की माझी जनजाति के बच्चे स्कूलों में नाम दर्ज होने के बाद भी स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि सरगुजा कलेक्टर इस दिशा में भी आने वाले दिनों में ठोस कदम उठाएंगे क्योंकि सरगुजा कलेक्टर पिछले एक महीने से लगातार स्कूलों में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं और सीधे बच्चों से जुड़ रहे हैं.

कलेक्टर ने शिक्षकों को लगाई फटकार

शासकीय हाई स्कूल डॉड़केसरा के निरीक्षण के दौरान शिक्षा की गुणवत्ता खराब पाए जाने एवं शिक्षण कार्य में गम्भीरता ना बरतने पर सभी शिक्षकों को कड़ी फटकार लगाई. इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते, जिसकी वजह से बच्चे पढ़ना-लिखना नहीं सीख पा रहे हैं. कलेक्टर भोसकर ने तत्काल प्राथमिक, माध्यमिक तथा हाई स्कूल के सभी प्राचार्यों एवं शिक्षकों को स्पष्टीकरण जारी किए जाने निर्देशित किया। उन्होंने दो माह के भीतर स्थिति सुधारने की चेतावनी दी. इस दौरान एसडीएम रवि राही, जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे.

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