एमपी के इस जिले में पाई जाती है खास अरहर की दाल, फाइबर और प्रोटीन से है भरपूर
Narmadapuram Pipariya Dal: अरहर दाल जिसे आमतौर पर तोर दाल या पीली दाल भी कहा जाता है. यह भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है. यह दाल स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होती है. वहीं यह दाल मध्य प्रदेश में जगह-जगह उगाई जाती है.
अरहर की दाल शरीर को ऊर्जा देने के साथ-साथ कई बीमारियों से लड़ने में भी मदद करती है.
इसमें मौजूद प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी बनाती है.
बता दें कि प्रदेश भर में सबसे अच्छी दाल नर्मदापुरम जिले की पिपरिया तहसील में उगाई जाती है.
मध्य प्रदेश में अरहर की दाल हर जगह उगाई जाती है. लेकिन पिपरिया तहसील में इसका उत्पादन ज्यादा किया जाता है.
पिपरिया तहसील की जलवायु ऐसी है जो अरहर की दाल उगाने के लिए बहुत उपयुक्त है, जिसके कारण वहां उगाई जाने वाली दाल जल्दी पकती है और उसका स्वाद बेहतर होता है.
मध्य प्रदेश में अरहर की दाल हर जगह उगाई जाती है. लेकिन पिपरिया तहसील में इसका उत्पादन ज्यादा किया जाता है.
नर्मदापुरम जिले की अधिकांश भूमि नर्मदा नदी के पानी से सिंचित होती है, जिससे किसानों को पर्याप्त पानी मिलता है और फसलों की पैदावार अच्छी होती है.
बता दें कि पिपरिया, नर्मदापुरम जिले का एक हिस्सा है, जो नर्मदा और सतपुड़ा पर्वत के नीचे में स्थित है.
यह इलाका अपनी उपजाऊ मिट्टी के कारण अरहर दाल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि यहां की मिट्टी अरहर की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है.
पिपरिया जिले की इस अरहर दाल के लिए अब जीआई टैग (GI Tag) की मांग भी शुरू हो गई है.