अमरनाथ यात्रा में इस बार नहीं मिलेगी हेलिकॉप्टर सेवा, बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए मिलेंगी ये सेवाएं

Amarnath Yatra: 1 जुलाई से 10 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा रूट को 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित कर दिया है.
Amarnath Yatra

अमरनाथ यात्रा मार्ग 'नो फ्लाइंग जोन' घोषित

Amarnath Yatra: इस साल अमरनाथ यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेगा. श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (SASB) ने घोषणा की है कि इस बार यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं होगी. 1 जुलाई से 10 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा रूट को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया है. यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लिया गया है.

सरकार के इस फैसले से अमरनाथ यात्रा रूट पर हेलीकॉप्टर, ड्रोन, यूएवी, और अन्य विमानन उपकरणों पर भी प्रतिबंध रहेगा. केवल चिकित्सा, आपदा प्रबंधन, और अधिकृत सुरक्षा निगरानी के लिए हवाई मार्ग का उपयोग संभव होगा.

यात्रा की तारीखें और अवधि

अवधि: अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होगी, जो 9 अगस्त 2025 को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. यह यात्रा 38 दिनों की होगी.

मार्ग: यात्रा दो प्रमुख मार्गों – पहलगाम और बालटाल – से की जा सकती है.

यात्रा के अन्य साधन

हेलिकॉप्टर सेवा के अभाव में श्रद्धालु निम्नलिखित साधनों का उपयोग कर सकते हैं:

पैदल यात्रा

पहलगाम मार्ग: यह पारंपरिक और ऐतिहासिक मार्ग है, जो 48 किलोमीटर लंबा है. इस रास्ते पर यात्रा में लगभग 3 दिन लगते हैं. प्रमुख पड़ावों में चंदनवाड़ी (16 किमी), पिस्सू टॉप (3 किमी), शेषनाग (9 किमी), और पंचतरणी (14 किमी) शामिल हैं. पंचतरणी से पवित्र गुफा 6 किलोमीटर दूर है. यह मार्ग अपेक्षाकृत कम कठिन है.

बालटाल मार्ग: यह छोटा मार्ग 14 किलोमीटर लंबा है और एक दिन में पूरा किया जा सकता है, लेकिन यह अधिक कठिन है. यह मार्ग सोनमर्ग के पास बालटाल से शुरू होता है.

घोड़े (पोनी): दोनों मार्गों पर घोड़े किराए पर उपलब्ध हैं, जो श्रद्धालुओं को पंचतरणी या गुफा तक ले जा सकते हैं. यह उन लोगों के लिए सुविधाजनक है जो पैदल चलने में असमर्थ हैं.

पालकी: शारीरिक रूप से अक्षम या बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए पालकी सेवाएं उपलब्ध हैं. यह सेवा पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर मिलती है.

सड़क मार्ग

देश के विभिन्न हिस्सों से जम्मू तक बस या ट्रेन से पहुंचा जा सकता है. जम्मू तवी रेलवे स्टेशन अमरनाथ यात्रियों के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन है. जम्मू से श्रीनगर, और फिर श्रीनगर से पहलगाम (92 किमी) या बालटाल (93 किमी) तक बस या टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं. दिल्ली से जम्मू और श्रीनगर तक नियमित बस सेवाएं भी हैं.

रजिस्ट्रेशन और आवश्यक दस्तावेज

रजिस्ट्रेशन: यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. यह श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट (jksasb.nic.in) या देशभर की 533 बैंक शाखाओं (PNB, SBI, JK Bank, Yes Bank) के माध्यम से किया जा सकता है.

यात्रा शुल्क: प्रति व्यक्ति 220 रुपये (पिछले वर्ष 150 रुपये था).

आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे वैध पहचान पत्र.

अधिकृत डॉक्टर से प्राप्त स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (8 अप्रैल 2025 के बाद जारी).

प्रतिबंध: 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, और 6 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाएं यात्रा में शामिल नहीं हो सकतीं.

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सुरक्षा और सावधानियां

इस वर्ष सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती शामिल है. यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया है.

श्रद्धालुओं को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा से पहले 4-6 किलोमीटर रोजाना पैदल चलने की प्रैक्टिस करें और गहरी सांस लेने वाली व्यायाम (प्राणायाम) करें.

ऊंचाई पर होने वाली बीमारियों (जैसे ऑक्सीजन की कमी) से बचने के लिए पर्याप्त पानी (5 लीटर प्रतिदिन) पिएं और भारी भोजन से बचें.

मुख्यमंत्री का बयान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हेलिकॉप्टर सेवा पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय देश के अन्य हिस्सों में गलत संदेश दे सकता है.

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