मोबाइल चार्जर चालू रखने से आपके करोड़ों रूपए हो रहे बर्बाद! रिसर्च में हुआ खुलासा
Mobile Charger Electricity tips: मोबाइल चार्जर का हमारी जिंदगी में बहुत अहमियत है, क्योंकि मोबाइल का चार्जिंग खत्म होता है तो लोग बिन पानी मछली की तरह फड़फड़ाने लगते है, और जल्दी से मोबाइल चार्जिंग में लगा देते है. ठीक करते है, लेकिन मोबाइल चार्ज होने के बाद आप मोबाइल तो निकाल लेते है लेकिन चार्जर सॉकेट में लगा कर छोड़ देते है. ये गलत करते है. इसी से जुड़ी बहुत रोचक रिसर्च सामने आई है. जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
मोबाइल चार्जर चालू रखने से करोड़ों रूपए हो रहे बर्बाद!
कई लोग तो ऐसे होते है एक ऑफिस में एक घर में हर जगह मोबाइल चार्जर लगाकर रखते है.चार्जर एक दो घंटे नहीं बल्कि कई कई महीने तक चार्जर सॉकेट में लगा रहता है. इसका बहुत नुकसान होता है. एक व्यक्ति हर महीने दो से ढाई रुपए बेवजह ही बर्बाद कर रहे है. ये आंकड़ा आपको बहुत मामूली लगता होगा लेकिन हर महीने का आंकड़ा हैरान करने वाला है. हर महीने 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो रहा है.
कैसे इतना नुकसान हो रहा है ? चलिए आपको समझा देता हूं. गुना भाग करते रहिएगा ताकि समझने में आसानी होगी. अगर आपका मोबाइल चार्जर सॉकेट में लगा रहता है, तो प्रति घंटा 0.1 से 0.5 वाट तक बिजली की खपत हो सकती है.
बिजली बिल पर प्रभाव उदाहरण के तौर पर कितना समझ लीजिए
- मान लीजिए एक चार्जर 0.5 वाट की खपत करता है और 24 घंटे सॉकेट में लगा रहता है.
- प्रतिदिन खपत: 0.5 वाट × 24 घंटे = 12 वाट-घंटा (0.012 kWh)
- महीने में 0.012 kWh × 30 दिन = 0.36 kWh
- अगर बिजली की दर 7 रुपये प्रति kWh है, तो 0.36 × 7 = 2.52 रुपये प्रति महीना
महीने में एक व्यक्ति 2 रुपये 52 पैसे खर्च कर सकता है तो देश में तो 117 करोड़ लोग मोबाइल चलाते है. अगर सभी ऐसे मोबाइल चार्जर सॉकेट में लगाकर भूल जाए तो ये आंकड़ा हर महीने 200 करोड़ से ज़्यादा का बिजली बर्बाद हो जाता है, साल भर का गुना गणित करे तो ये आंकड़ा 2500 करोड़ से ज़्यादा होता है.