एक साथ ले लिए कई लोन, EMI का बढ़ रहा है प्रेशर तो अपनाएं ये टिप्स

मेडिकल इमरजेंसी हो, घर की मरम्मत हो या गाड़ी की अचानक खराबी अचानक पैसों की जरूरत कभी भी आ सकती है. ऐसे में पर्सनल लोन एक आसान और तेज़ समाधान बन चुका है.
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EMI: मेडिकल इमरजेंसी हो, घर की मरम्मत हो या गाड़ी की अचानक खराबी अचानक पैसों की जरूरत कभी भी आ सकती है. ऐसे में पर्सनल लोन एक आसान और तेज़ समाधान बन चुका है. अब बैंक और NBFCs अलग-अलग लोगों के लिए तरह-तरह के लोन ऑफर कर रही हैं. लेकिन जहां लोन मिलना आसान हुआ है, वहीं इनको मैनेज करना मुश्किल है, खासकर जब आपके पास एक से ज्यादा लोन हों.

सबसे ज्यादा ब्याज वाले लोन को पहले चुकाएं

अगर आपके पास एक से ज्यादा लोन हैं, तो सबसे पहले सबसे ज्यादा ब्याज वाले लोन को पहले चुकाने की कोशिश करें. जब भी कोई अतिरिक्त आमदनी, जैसे बोनस या साइड इनकम मिले, तो उसे बिना सोचे खर्च करने की बजाय सबसे महंगे लोन को चुकाने में लगाएं. हां, प्री-पेमेंट चार्ज को भी नज़रअंदाज न करें – कुछ लोन पर समय से पहले चुकाने पर अतिरिक्त शुल्क लगता है.

EMI का सही अनुमान लगाना जरूरी

लोन लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपकी मंथली EMI आपकी आमदनी और खर्चों के अनुरूप हो. EMI इतनी होनी चाहिए कि आपके बाकी के ज़रूरी खर्च भी आराम से चल सकें और कुछ बचत भी हो पाए. अगर EMI ज़्यादा हो गई, तो आपकी वित्तीय स्थिति डगमगा सकती है और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है.

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सभी लोन को एक लोन में करें कंसोलिडेट

कई बार अलग-अलग EMI संभालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में एक विकल्प है – लोन कंसोलिडेशन. यानी अपने सभी लोन को एक बड़े लोन में बदल लें, जिसमें ब्याज दर कम हो और भुगतान की अवधि लंबी हो. इससे आपकी EMI भी घट सकती है और हर महीने एक ही किस्त चुकानी होगी, जिससे मैनेजमेंट आसान हो जाएगा.

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