Zomato से फिर एक को-फाउंडर ने दिया इस्तीफा, 13 साल बाद आकृति चोपड़ा ने छोड़ा साथ

जोमैटो के सीईओ और को-फाउंडर दीपिंदर गोयल को लिखे अपने इस्तीफे में आकृति ने लिखा कि इस बारे में आपसे पहले बातचीत की थी, मैं आज अपना इस्तीफा आधिकारिक तौर पर दे रही हूं.
Akriti Chopra

आकृति चोपड़ा

जोमैटो की को-फाउंडर और चीफ पीपल ऑफिसर आकृति चोपड़ा ने अचानक इस्तीफा देकर कंपनी को चौंका दिया है. आकृति ने जोमैटो में 13 वर्षों बाद 27 सितंबर 2024 को अपने पद से इस्तीफा दिया. आकृति चोपड़ा जोमैटो के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं.

जोमैटो के सीईओ और को-फाउंडर दीपिंदर गोयल को लिखे अपने इस्तीफे में आकृति ने लिखा कि इस बारे में आपसे पहले बातचीत की थी, मैं आज अपना इस्तीफा आधिकारिक तौर पर दे रही हूं. जोमैटो के साथ पिछले 13 साल का अनुभव शानदार रहा. सहायता के लिए आपका शुक्रिया.  

इस्तीफे की खबर का बाजार पर असर  

आकृति के इस्तीफे की खबर के बाद जोमैटो के शेयरों पर असर पड़ा और कंपनी का शेयर 2.08% की गिरावट के साथ 278 रुपये पर बंद हुआ. पिछले कुछ समय से जोमैटो के को-फाउंडर और सीनियर अधिकारी एक-एक कर कंपनी छोड़ रहे हैं. आकृति से पहले गुंजन पाटीदार, पंकज चड्ढा, गौरव गुप्ता और मोहित गुप्ता जैसे प्रमुख अधिकारी भी इस्तीफा दे चुके हैं.  

जोमैटो की चुनौतियाँ  

आकृति चोपड़ा के इस्तीफे से जोमैटो को भविष्य में अपनी नेतृत्व क्षमता को मजबूत करना होगा, क्योंकि कंपनी के कई प्रमुख अधिकारी अब तक इस्तीफा दे चुके हैं. इसके साथ ही, कंपनी को अपने मुनाफे और कस्टूम्रस को बढ़ाने की दिशा में काम करना जारी रखना होगा.  

कंपनी का मुनाफा

हालांकि, जोमैटो ने अपने व्यवसायिक मोर्चे पर अच्छे नतीजे दिखाए हैं.  2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी ने ₹253 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की तिमाही के ₹2 करोड़ के मुकाबले 126.5 गुना अधिक है. कंपनी की आय भी 74% बढ़कर ₹4,206 करोड़ हो गई.  

जोमैटो की शुरुआत

जोमैटो की शुरुआत 2008 में दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा द्वारा फूडीबे के रूप में की थी. दो साल के भीतर, कंपनी का नाम बदलकर जोमैटो कर दिया गया, और इसके बाद इसने भारत और विदेशों में तेजी से विस्तार किया. आज, जोमैटो एक यूनिकॉर्न कंपनी है और फूड डिलीवरी के साथ-साथ ग्रॉसरी डिलीवरी के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना चुकी है.  

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