Budget 2024: नए बजट से बड़ी उम्मीदें, टैक्स कटौती से लेकर HRA तक, हो सकते हैं ये 7 बदलाव
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. जिससे वेतन पा रहें कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें है. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार टैक्स छूट से लेकर टैक्स स्लैब में बदलाव पर कुछ बड़ा फैसला ले सकती है. साथ ही कटौती और टैक्सेशन प्रॉसेस को आसान बनाने पर भी ध्यान केंद्रित रहने की उम्मीद की जा रही है.
टैक्सपेयर्स इन्टरेस्ट रेट में बढ़ोतरी के प्रभावों को कम करने के लिए कम आयकर रेट्स की उम्मीद कर रहे हैं. वे टैक्स छूट समेत इक्विटी निवेश को प्रोत्साहित करने वाले छूट की भी उम्मीद कर रहे हैं, जिससे उनकी आय बढ़े. इसके अलावा, आगामी बजट में अधिक पारदर्शी टैक्स स्ट्रक्चर और टैक्स छूट के विस्तार की भी उम्मीद है.
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टैक्स स्लैब में बदलाव
पेश होने जा रहे बजट में टैक्स स्लैब रेट्स में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे मध्यम आय वर्ग के व्यक्तियों के लिए टैक्स का बोझ कम हो सके. इसके अलावा, नई टैक्स व्यवस्था के तहत, अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25 प्रतिशत तय की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37 प्रतिशत से काफी कम है. यह संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में मिलने वाले फायदों को पुराने टैक्स व्यवस्था में भी शामिल किया जा सकता है.
80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव
कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार इस बार के बजट में बड़ा ऐलान करते हुए आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करेगी. वित्त वर्ष 2014-15 से 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई ये कटौती इस बार के बजट 2 लाख रुपये तक हो सकती है. इससे मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी.
स्टैंडर्ड डिडक्शन में भी बदलाव की उम्मीद
केंद्रीय बजट 2018 में वेतनभोगी वर्ग के लिए प्रति वर्ष ₹40,000 की मानक कटौती फिर से शुरू की गई थी. इसके बाद, अंतरिम बजट 2019 में मानक कटौती की सीमा बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई. तब से स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि स्थिर बनी हुई है. ऐसी अटकलें हैं कि वित्त मंत्री मानक कटौती को बढ़ाकर ₹1 लाख सालाना करने पर विचार कर सकती हैं.
नई टैक्स व्यवस्था में भी संशोधन
ओल्ड टैक्स व्यवस्था से नई टैक्स व्यवस्था में जाने वाले व्यक्तियों के लिए टैक्स कटौती के संभावित विस्तार का विश्लेषण करना अनिवार्य है. स्वास्थ्य बीमा और एनपीएस योगदान जैसे लाभों का विस्तार करके, स्वास्थ्य सेवा की सुलभता बढ़ाने और टैक्सपेयर्स के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने का अवसर दिया जा सकता है.
आयकर सीमा को बढ़ाने पर जोर
केंद्रीय बजट में इस बार ओल्ड टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है. इसमें आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना शामिल हो सकता है. एनडीए सरकार पर्सनल टैक्सपेयर्स पर बोझ कम करने के लिए टैक्स स्लैब को सरल बनाने और रेट्स को कम करने की संभावना है.
हाउस रेंट अलाउंस
हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सैलरी का एक पार्ट है, जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उनके आवास व्यय को पूरा करने के लिए प्रदान किया जाता है. यह वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध एक टैक्स बेनिफिट है, जो किराए के आवास में रहते हैं. HRA छूट व्यक्ति द्वारा भुगतान किए गए वास्तविक किराए, उनके मूल वेतन और निवास के स्थान जैसे कारकों पर विचार करके तय की जाती है. बजट 2024 में HRA नियमों को संशोधित किया जाएगा ताकि वेतन के 50% के आधार पर HRA छूट के लिए कुछ अन्य शहरों को भी शामिल किया जा सकता है.
धारा 80TTA के लिए सीमा बढ़ाना
वेतनभोगी व्यक्ति अक्सर अपनी आय को अधिकतम करने के लिए अपने पैसे को विभिन्न बचत और सावधि जमा खातों में आवंटित करते हैं. यह अभ्यास यह सवाल उठाता है कि क्या सरकार को धारा 80TTA के तहत सावधि जमा समेत बैंक डिपॉजिट्स से प्राप्त ब्याज को शामिल करने पर विचार करना चाहिए. इसके अलावा, इस समावेशन के लिए सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये हो सकते हैं.