शेयर बाजार में हाहाकार, टूट गया 30 साल पुराना रिकॉर्ड, निवेशकों के 92 लाख करोड़ स्वाहा

अगर बात करें बीएसई के टॉप 30 शेयरों की, तो इनमें से 28 शेयरों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा दर्द दिया है. टाटा मोटर्स का शेयर सबसे ज्यादा गिरा, जो 35% नीचे आ गया है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32%), पावरग्रिड (30%), और इंडसइंड बैंक (28%) के शेयर भी भारी नुकसान में रहे.
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शेयर बाजार में भूचाल

Stock Market Crash: आज भारतीय शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट ने न सिर्फ निवेशकों को तगड़ा झटका दिया, बल्कि 30 साल पुराना एक अहम रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर दिया. इस गिरावट ने निवेशकों के मन में असमंजस और डर पैदा कर दिया है कि आखिर आगे क्या होगा? अक्टूबर 2024 से, निफ्टी लगातार हर महीने गिरावट में बंद हुआ है, और पांच महीनों में लगभग 12% का भारी नुकसान हुआ है.

कभी नहीं देखी गई ऐसी गिरावट

1996 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब बाजार में लगातार 5 महीने गिरावट आई हो. 1996 में जब ऐसा हुआ था, तो निफ्टी 50 इंडेक्स में लगभग 26% की गिरावट आई थी. इस बार की गिरावट कुछ हद तक कम जरूर रही, लेकिन अब तक की स्थिति थोड़ी और विकट हो चुकी है.

कंपनियों पर पड़ा है नुकसान का असर

पिछले पांच महीनों के दौरान, जहां एक ओर BSE Sensex 11.54% गिरा है, वहीं Nifty का प्रदर्शन भी बेहतर नहीं रहा और वह 12.65% नीचे आ चुका है. अगर मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर्स की बात करें, तो उनका प्रदर्शन और भी बुरा रहा है. BSE मिडकैप में 20% से अधिक की गिरावट आई, जबकि BSE स्मॉलकैप में 22.78% की भारी कमी आई है.

पूरे बाजार की कैप में आई भारी गिरावट!

बीएसई के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो का मूल्य काफी घट गया है. BSE Sensex में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप सितंबर 2024 से लगभग 25 लाख करोड़ रुपये घट चुका है. और तो और, पूरे बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 92 लाख करोड़ रुपये नीचे गिर चुका है.

टॉप शेयरों का क्या हाल?

अगर बात करें बीएसई के टॉप 30 शेयरों की, तो इनमें से 28 शेयरों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा दर्द दिया है. टाटा मोटर्स का शेयर सबसे ज्यादा गिरा, जो 35% नीचे आ गया है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32%), पावरग्रिड (30%), और इंडसइंड बैंक (28%) के शेयर भी भारी नुकसान में रहे. हालांकि, कुछ चुनिंदा शेयरों ने अपना प्रदर्शन अच्छा किया. बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे शेयरों ने 12% और 2.3% की मामूली बढ़त देखी.

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क्यों आई यह गिरावट?

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं. इनमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा भारी बिकवाली, अमेरिकी बांड पर बढ़ती आय, रुपये में कमजोरी, तीसरी तिमाही में आय में कमी, और उच्च वैल्यूएशन प्रमुख कारण हैं. इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ के मुद्दे पर लिए गए फैसले ने भी बाजार के मूड को प्रभावित किया.

क्या मार्च में भी रहेगा संकट?

मार्च का महीना आम तौर पर तेजड़ियों (bullish) का महीना रहा है. पिछले 15 वर्षों में मार्च में 10 बार बेंचमार्क इंडेक्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है. ऐसे में निवेशकों को उम्मीद है कि मार्च में बाजार में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है.

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार, वीके विजयकुमार का मानना है कि मार्च में बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक डेटा और FII की धीमी बिकवाली के कारण बाजार में सुधार देखा जा सकता है. वह मानते हैं कि लार्ज कैप शेयरों के वैल्यूएशन सही होने के कारण FII से भारी बिकवाली की संभावना कम है.

आज के बाजार का हाल

आज का दिन भी शेयर बाजार के लिए अच्छा नहीं रहा. निफ्टी 420 अंक टूटकर 22124 पर बंद हुआ, वहीं सेंसेक्स में 1414 अंकों की गिरावट आई और यह 73198 पर बंद हुआ. निफ्टी बैंक में भी 400 अंक की गिरावट आई. बीएसई के टॉप 30 शेयरों में से 29 शेयर गिरे, जिसमें टेक महिंद्रा का शेयर 6% से ज्यादा गिरा. हालांकि, एचडीएफसी बैंक के शेयर में 1.86% की बढ़त देखी गई.

यह समय बाजार की स्थिति को ध्यान से समझने का है. किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना बेहद जरूरी है.

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