अब किसान को मिलेगी डिजिटल रजिस्ट्री, बार-बार KYC कराने का झंझट होगा खत्म, ऐसे करवाएं
Digital Registry: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. केंद्र सरकार की एग्री स्टैक योजना के तहत किसानों के लिए डिजिटल बेस पर किसान रजिस्ट्री तैयार की जा रही है. इस योजना का उद्देश्य भारतीय कृषि को डिजिटल प्लेटफॉर्म से सशक्त बनाना और किसानों को नई तकनीकों से जोड़कर उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि करना है.
क्या है एग्री स्टैक योजना?
एग्री स्टैक योजना को केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने शुरू किया है. इसके अंतर्गत किसानों की एक डिजिटल प्रोफाइल बनाई जाएगी. इस प्रोफाइल में भूमि रिकॉर्ड, फसल का विवरण और किसानों की आर्थिक गतिविधियों सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को शामिल किया जाएगा. यह पहल न केवल किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने को आसान बनाएगी, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देगी.
डिजिटल किसान रजिस्ट्री का उद्देश्य
डिजिटल किसान रजिस्ट्री का मुख्य उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं जैसे पीएम किसान योजना, फसल बीमा, किसान क्रेडिट कार्ड और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का लाभ आसानी से प्रदान करना है. इससे किसानों को बार-बार KYC कराने की आवश्यकता नहीं होगी.
यूपी के कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न जिलों में यह कार्यक्रम तेजी से चल रहा है. इस प्रक्रिया में किसानों के खसरा-खतौनी को उनके आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना पहले से अधिक सुगम हो जाएगा.
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किसानों को मिलेंगे ये फायदे
एग्री स्टैक योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होंगे:
- पीएम किसान योजना के तहत आर्थिक सहायता.
- किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए फसली लोन.
- एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से कृषि विकास.
- अन्य कृषि आधारित लोन.
रजिस्ट्री कैसे करवाएं?
किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी फॉर्मर रजिस्ट्री करानी अनिवार्य है. रजिस्ट्री की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 तय की गई है. इसके लिए किसान अपने नजदीकी कैंप, जन सुविधा केंद्र या पंचायत भवन में जाकर यह काम करवा सकते हैं. इसके अलावा, किसान https://upfr.agristack.gov.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं. रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड,योजना से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और खतौनी जरूरी दस्तावेज हैं.