अब ठगी वाले पैसे भी पा सकते हैं वापस! यहां करें Digital Arrest की शिकायत
Digital Arrest: डिजिटल युग में जहां तकनीकी सुविधाएं हमारे जीवन को आसान बना रही हैं, वहीं साइबर अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं. हाल के दिनों में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, जिसमें चोर आम लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनसे बड़ी रकम ठग रहे हैं.
डिजिटल अरेस्ट में ठगी का तरीका चौंकाने वाला है. इसमें पीड़ित को यह एहसास तक नहीं होता कि उसे ठगा जा रहा है. ठग इतने चालाकी से काम करते हैं कि लोग खुद ही अपनी मेहनत की कमाई उनके हवाले कर देते हैं.
क्या ठगे गए पैसे वापस मिल सकते हैं?
डिजिटल अरेस्ट में ठगे हुए पैसे वापस मिलना मुश्किल है, लेकिन यह असंभव नहीं है. इस तरह के मामलों में समय पर की गई शिकायत पैसे वापस मिलने की संभावना को बढ़ा देती है. अगर किसी के साथ डिजिटल ठगी हो जाती है, तो उन्हें तुरंत नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करनी चाहिए.
शिकायत दर्ज करने के बाद की प्रक्रिया
शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित बैंक से संपर्क किया जाता है. ठगी के लेन-देन को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू होती है. जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उसे फ्रीज करने का काम किया जाता है, ताकि ठग पैसे न निकाल सकें. ठगी का पता लगते ही 24-28 घंटे के भीतर शिकायत करना बेहद जरूरी है. इस समय सीमा में शिकायत दर्ज कराने से ठगे गए पैसे वापस मिलने के चांस बढ़ जाते हैं.
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कहां करें शिकायत?
डिजिटल अरेस्ट जैसी ठगी का शिकार होने पर निम्नलिखित स्थानों पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है:
- नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930): तुरंत कॉल करें और घटना की जानकारी दें.
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल: https://cybercrime.gov.in/ पर जाकर शिकायत दर्ज करें.
- नजदीकी पुलिस स्टेशन: साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज करें.
- बैंक हेल्पलाइन या शाखा: अपने बैंक से संपर्क करके घटना की जानकारी दें.