बूढ़े माता-पिता को बच्चे करते हैं परेशान तो कोर्ट कर सकता है मदद, बुजुर्ग जान लें अपने काम की बात

भारत में ऐसे बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाए गए हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुर्व्यवहार करने वाले बच्चों से उनकी संपत्ति का अधिकार भी छीना जा सकता है.
Senior Citizens Act

माता-पिता के अधिकारों की रक्षा

Senior Citizens Act: बुढ़ापा जीवन का वह पड़ाव है जब व्यक्ति को सबसे अधिक सहारे और सम्मान की आवश्यकता होती है. माता-पिता अपना पूरा जीवन अपने बच्चों को पालने-पोसने और उनका भविष्य संवारने में लगा देते हैं. ऐसे में, यदि बच्चे बड़े होकर अपने बूढ़े माता-पिता के साथ गलत व्यवहार करते हैं और उनकी देखभाल नहीं करते, तो यह न केवल मानवीय मूल्यों के खिलाफ है बल्कि कानूनी रूप से भी इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. भारत में ऐसे बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाए गए हैं, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुर्व्यवहार करने वाले बच्चों से उनकी संपत्ति का अधिकार भी छीना जा सकता है.

क्या कहता है कानून?

भारत में बुजुर्ग माता-पिता के अधिकारों की रक्षा के लिए “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007” (Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007) एक महत्वपूर्ण कानून है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य सिनीयर नागरिकों को उनके बच्चों या रिश्तेदारों से भरण-पोषण प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

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संपत्ति के अधिकार का छीना जाना

यह कानून विशेष रूप से एक प्रावधान रखता है, जिसके तहत अगर कोई बच्चा या वारिस अपने माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक की ठीक से देखभाल नहीं करता है, उन्हें प्रताड़ित करता है, या उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने से नहीं करता है, तो माता-पिता के पास यह अधिकार है कि वे उस संपत्ति से संबंधित ट्रांसफर को रद्द करवा सकें जो उन्होंने उस बच्चे या वारिस के नाम की थी.

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