क्या अब हर भारतीय को मिलेगा पेंशन? जानिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम की पूरी कहानी

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कोई नई बात नहीं है. दुनिया के कई विकसित देशों, जैसे कि अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन, और यूरोपीय देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद हैं, जो पेंशन, हेल्थ सर्विसेज और बेरोजगारी से जुड़ी योजनाओं का लाभ देती हैं.
प्रतीकात्मक तस्वीर

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मोदी सरकार एक नई पहल करने जा रही है जिसे कहा जा रहा है यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (Universal Pension Scheme) और इससे लगभग हर व्यक्ति, चाहे वह असंगठित क्षेत्र में काम करता हो या किसी गिग वर्क में, पेंशन का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होगा. यह योजना न केवल वर्तमान में पेंशन का लाभ प्राप्त करने वालों को विस्तार से जोड़ने के उद्देश्य से है, बल्कि यह उन लोगों को भी इससे लाभान्वित करने के लिए बनाई जा रही है जो अब तक इससे वंचित हैं. तो आइए जानते हैं कि यह नई पेंशन स्कीम क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, और इसमें सरकार किन-किन वर्गों को शामिल करेगी.

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का उद्देश्य?

भारत सरकार इस योजना को लेकर गंभीर है और लेबर मिनिस्ट्री ने इसके प्रपोजल डॉक्युमेंट्स तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया है. यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का मुख्य उद्देश्य उन लोगों को पेंशन योजना में लाना है जो असंगठित क्षेत्र, जैसे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और गिग वर्कर्स हैं. इन क्षेत्रों में काम करने वाले लोग आमतौर पर पेंशन लाभ से बाहर रहते हैं, और सरकार की यह कोशिश उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है. इसके अलावा, इस स्कीम के जरिए स्वतंत्र व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों और सैलरी से जुड़े नहीं होने वालों को भी पेंशन की सुविधा मिलेगी.

रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस स्कीम के तहत कई तरह की पेंशन योजनाओं को जोड़ने का प्रस्ताव कर रही है. इस पेंशन स्कीम का उद्देश्य उन सभी लोगों को कवर करना है जो किसी न किसी प्रकार से वेतन भोगी कर्मचारी या स्वतंत्र पेशेवर हैं. खासकर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग जिन्हें आज तक पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया.

सरकार देगी योगदान?

यह सबसे बड़ा सवाल है! क्या इस नई यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में सरकार का भी योगदान होगा? फिलहाल इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है. रिपोर्ट्स के अनुसार यह स्कीम स्वैच्छिक पेंशन स्कीम होगी, यानी इसमें सरकारी योगदान की संभावना नहीं है. इसका मतलब यह है कि लोग स्वयं अपनी पेंशन के लिए योगदान देंगे, लेकिन इसमें सरकार का कोई वित्तीय योगदान नहीं होगा. हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी और क्लैरिटी समय के साथ सामने आएगी.

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क्या NPS को रिप्लेस करेगा UPS?

यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि क्या यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की जगह लेगी? इसका सीधा जवाब है— नहीं. वर्तमान में लागू नेशनल पेंशन स्कीम को यह स्कीम रिप्लेस नहीं करेगी. दोनों योजनाओं का अपना अलग उद्देश्य और कार्यक्षेत्र होगा. UPS, खासतौर पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए बनाई जा रही है, जबकि NPS पहले से ही एक संगठित प्रणाली है.

दुनिया में कहां-कहां है लागू है यह योजना?

आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कोई नई बात नहीं है. दुनिया के कई विकसित देशों, जैसे कि अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन, और यूरोपीय देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद हैं, जो पेंशन, हेल्थ सर्विसेज और बेरोजगारी से जुड़ी योजनाओं का लाभ देती हैं. इसके अलावा, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड, और न्यूजीलैंड जैसे देशों में पहले से ही यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लागू है, जो बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा का माध्यम बन चुकी है.

भारत में यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का आगमन असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों और गिग वर्कर्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. यह योजना उन लोगों के लिए एक सुरक्षा कवच साबित हो सकती है, जिन्हें अब तक सरकारी पेंशन योजनाओं से कोई लाभ नहीं मिल पा रहा था. हालांकि, इसके बारे में पूरी जानकारी और सरकार के योगदान के विषय में अभी और अपडेट्स की जरूरत है.

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