Hathras Stampede Case: हाथरस में 123 लोगों की मौत के बाद ‘भोले बाबा’ ने बदला ठिकाना, ग्वालियर को बनाया नया अड्डा!

रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को उत्तर प्रदेश के कासगंज आश्रम में दिन भर रुकने के बाद बाबा ग्वालियर निकल गया. इस फैसले के पीछे की वजह कासगंज में भक्तों की भीड़ को बताया जा रहा है.

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा

Hathras Stampede Case: नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. वो मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित आश्रम में रहने चला गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को उत्तर प्रदेश के कासगंज आश्रम में दिन भर रुकने के बाद बाबा ग्वालियर निकल गया. इस फैसले के पीछे की वजह कासगंज में भक्तों की भीड़ को बताया जा रहा है. कासगंज के स्थानीय सेवादारों का कहना है भोले बाबा ग्वालियर स्थित आश्रम चले गए हैं.

याद दिला दें कि यूपी के हाथरस के सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई गांव में मंगलवार (2 जुलाई) को भोले बाबा के संगठन की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. इस दौरान भगदड़ मचने से 123 लोगों की जान चली गई थी. पुलिस ने मामले में सत्संग के आयोजकों को गिरफ्तार किया है. हाल ही में भगदड़ कांड को लोकर नारायण साकार हरि का असंवेदनशील बयान भी सामने आया था. उन्होंने कहा था, “2 जुलाई की घटना के बाद हम बहुत परेशान और व्यथित हैं. लेकिन, जो होना है उसे कौन टाल सकता है? जो भी इस धरती पर आया है, उसे एक दिन जाना ही है, हालांकि समय अलग-अलग हो सकता है.”

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SIT की रिपोर्ट सामने आने के बाद लिया गया ये एक्शन

वहीं, घटना की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने सरकार को करीब 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ने तय संख्या से अधिक लोगों को बुलाया और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की. हालांकि इस रिपोर्ट में भोले बाबा का जिक्र नहीं है. रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ तथा दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान शामिल हैं. इसके अलावा मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. उधर, एसआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने सिकंदरामऊ एसडीएम, सीओ व तहसीलदार समेत 6 अधिकारियों को सस्‍पेंड कर दिया है.

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