‘जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है’, मिल्कीपुर उपचुनाव टलने पर अखिलेश यादव ने कसा तंज

Milkipur By Election: सपा के इन आरोपों पर बीजेपी ने कहा कि यह चुनाव आयोग का फैसला है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह चुनाव आयोग का निर्णय है, न्यायालय में वाद चल रहा है.
Milkipur By Election

अखिलेश यादव, सपा प्रमुख

Milkipur By Election: भारत निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपुचनाव का ऐलान किया. सभी सीटों पर एक ही बार में 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना कराई जाएगी. हालांकि अयोध्या स्थित मिल्कीपुर में चुनाव की घोषणा नहीं की गई. इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में ही तंज कसा है. सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है’

इससे पहले सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव होने थे. आयोग ने केवल 9 सीटों पर घोषणा की. मिल्कीपुर पर यह कहते हुए घोषणा नहीं की है कि कोई मामला कोर्ट में पेंडिंग है. सपा आयोग से पूछना चाहती है कि क्या अदालत ने ऐसा कोई आदेश दिया है. सीसामऊ सीट पर भी याचिका लंबित है. फिर वहां चुनाव क्यों कराए जा रहे हैं.

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यह चुनाव आयोग का फैसला- बीजेपी

वहीं, दूसरी ओर सपा के इन आरोपों पर बीजेपी ने कहा कि यह चुनाव आयोग का फैसला है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह चुनाव आयोग का निर्णय है, न्यायालय में वाद चल रहा है. बता दें भाजपा के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका के कारण मिल्कीपुर उपचुनाव को टाल दिया गया है. 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में सपा कैंडिडेट अवधेश प्रसाद के नामांकन नोटरी में त्रुटि को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. अभी पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ की याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है.

क्यों टला मिल्कीपुर का उपचुनाव?

यूपी के मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा इसलिए नहीं हुई क्योंकि बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने 2022 में चुनाव जीते सपा विधायक अवधेश प्रसाद के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. अवधेश के नामांकन फॉर्म भरते वक्त गलत शपथ से जुड़ा मामला है. रिट में कहा गया है कि अवधेश प्रसाद का नोटरी जिसने तस्दीक किया था उस तिथि में उस वकील के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं था. जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन है कि जिस तिथि में नोटरी का अधिवक्ता अभिलेख का प्रमाणीकरण करे उस तिथि में उसका लाइसेंस होना जरूरी है.

“याचिका वापस लेंगे बाबा गोरखनाथ”

मिल्कीपुर उपचुनाव टलने के बाद चुनाव आयोग पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस बीच बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ के वकील ने बड़ा दावा किया है. पूर्व विधायक के वकील ने कहा कि अब वह अपना याचिक वापस लेंगे. बता दें कि बाबा गोरखनाथ की याचिक अभी हाई कोर्ट में पेंडिंग है.

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