Bharat Ratna: लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने के ऐलान पर अखिलेश का बड़ा दावा, बोले- सम्मान में नहीं बल्कि…
Bharat Ratna: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई है. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘X’ अकाउंट पर दी है. लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले की भाजपा नेता तारीफ कर रहे हैं. इस बीच कई नेताओं ने इस पर सवाल भी खड़े किए हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.
‘वोट बैंक को साधने के लिए दिया जा रहा सम्मान’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने बड़ा दावा किया कि ये सम्मान वोट बैंक को साधने के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान में नहीं दिया जा रहा है. बल्कि ये सम्मान वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है.’
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उत्तर प्रदेश : BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा –
"यह भारत रत्न अपने वोट को बांधने के लिए दिया जा रहा है." @yadavakhilesh @samajwadiparty #LalKrishnaAdvani #BharatRatna #AkhileshYadav #BJPvsSP… pic.twitter.com/53CqzwmtZD
— Vistaar News (@VistaarNews) February 3, 2024
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर भी बोला हमला
इसके पहले, मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा था. उन्होंने दावा किया था कि बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव में अपने सभी सांसदों के टिकट काटने जा रही है. वहीं उन्होंने कहा, ‘एक सांसद सीट भी बदलना चाहते हैं. इस परिस्थति में जिन्हें राजनीति करनी होगी, वो क्या सीट जीतेंगे. इसलिए जानबूझकर, उन्हें दूसरों की चिंता ज्यादा है जबकि उन्हें अपनी चिंता करनी चाहिए.’
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आडवाणी ने रथ यात्रा से बनाई अलग पहचान
बताते चलें कि लालकृष्ण आडवाणी वर्ष 1977 में जनता दल की सरकार में सूचना एंव प्रसारण मंत्री थे. भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद उन्होंने महासचिव का पद भी संभाला था. इसके बाद 1986 में उन्हें पार्टी का अध्यक्ष भी बनाया गया था. वर्ष 1988 में उन्हें फिर से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. उन्होंने राम मंदिर के लिए रथ यात्रा की शुरूआत की. इसकी शुरूआत सोमनाथ से हुई थी. 1999 में पहली बार एनडीए की सरकार में उन्हें गृह मंत्री बनाया गया था. लालकृष्ण आडवाणी 2002 से 2004 तक भारत के उप-प्रधानमंत्री पद पर भी रहे.