UP Politics: RLD-BJP के बीच डील फाइनल! फिर किस बात का हो रहा इंतजार?
UP Politics: राष्ट्रीय लोक दल(RLD) प्रमुख जयंत सिंह हाल में भारतीय जनता पार्टी(BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) में शामिल हुए हैं. अपने दादा और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद जयंत सिंह भाजपा से जुड़ गए. 10 दिन पहले ही पार्टी प्रमुख जयंत सिंह की ओर से घोषित गठबंधन की औपचारिक ऐलान पर भाजपा पार्टी अभी चुप्पी साधे हुए है. वहीं दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने कहा कि गठबंधन लगभग तय हो चुका है लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता संशय में हैं.
राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख कर चुके हैं पुष्टि
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले दिल्ली में अपने पिता और पार्टी के संस्थापक दिवंगत अजीत सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद आरएलडी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए जयंत सिंह ने पुष्टि की थी कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए में शामिल हो जाएगी. तब से यूपी में आरएलडी किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है.
चार लोकसभा सीटों की मांग
दूसरी ओर भाजपा के सभी नेता सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि इस मामले पर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से फैसला लिया जा रहा है. वहीं आरएलडी के नेता कह रहे हैं पार्टी पश्चिमी यूपी की चार लोकसभा सीटों बागपत, बिजनौर, कैराना और मथुरा के लिए बीजेपी से बातचीत कर रही है. इसके साथ ही पार्टी के नेता यह भी चाहते हैं कि जयंत सिंह अपने परिवार की पारंपरिक सीट बागपत से लोकसभा चुनाव लड़े.
अजीत सिंह की प्रतिमा के अनावरण पर हो सकता है ऐलान
ऐलान में देरी को लेकर अटकलें यह भी हैं कि बागपत के छपरौली में अजीत सिंह की प्रतिमा का जल्द अनावरण होने वाला है. जानकार सूत्रों की ओर से मिल रहे संकेतों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद छपरौली आ सकते हैं और प्रतिमा का अनावरण कर सकते हैं. इसी दौरान आरएलडी के बीजेपी के साथ शामिल होने की औपचारिक घोषणा हो सकती है. वहीं यह भी बताना आवश्यक है कि प्रतिमा के अनावरण की तिथि पहले 12 फरवरी तय की गई थी.
किसान आंदोलन ने बिगाड़े समीकरण
पंजाब के किसानों की ओर से जारी आंदोलन ने भी स्थिति को बिगाड़ दिया है. वहीं इस मुद्दे पर जयंत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इस पूरे मामले में एक आरएलडी नेता ने कहा, ‘एक बार जब किसान सरकार के साथ समझौता कर लेंगे, इसके बाद यह भाजपा-आरएलडी गठबंधन की घोषणा के लिए बेहतर माहौल होगा. अभी भाजपा और आरएलडी दोनों इस मुद्दे पर सवालों का सामना कर रहे हैं.’