Kanwar Yatra: कांवड़ मार्ग में दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का क्यों दिया था आदेश? यूपी सरकार ने SC में दिया जवाब

Kanwar Yatra: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट का आदेश पूरी तरह से कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के हित में जारी किया गया था.
Kanwar Yatra 2024

कांवड़ यात्रा

Kanwar Yatra: सावन महीने की शुरुआत होते ही पूरा देश धार्मिक उत्साह भर गया है. कावंड़िए भगवन शिव का जलाभिषेक करने के लिए कावंड लेकर निकल गए हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के नेमप्लेट वाले फैसले को लेकर देश भर में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही. मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पंहुच गया है. आदेश के खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एनजीओ ने चुनौती दी थी. उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में 26 जुलाई तक राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था और राज्य सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक भी लगा दिया था.

बता दें की उत्तर प्रदेश के साथ ही बीजेपी शासित उत्तराखंड और मध्य प्रदेश ने भी प्रदेश में नेमप्लेट फार्मूला लागू कर दिया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर चूकी है. प्रदेश सरकार ने कोर्ट ने जवाब दाखिले करते हुए कहा है कि यह फैसला शांतिपूर्ण कावंड यात्रा के संचालन के लिए किया गया था.

कावंड़ियों के धार्मिक रक्षा लिए था आदेश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट का आदेश पूरी तरह से कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण समापन को सुनिश्चित करने के हित में जारी किया गया था,कांवड़ यात्रा में सालाना 4.07 करोड़ से अधिक कांवरिया भाग लेते हैं. प्रदेश सरकार ने कहा कि वह किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने के नाते हमारा आदेश प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करता है, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा कदम उठाती है कि सभी धर्मों के त्योहार शांतिपूर्ण ढंग से मनाए जाएं.

‘कावंड़ियों की शिकायत पर लिया गया फैसला’

योगी सरकार ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि प्रदेश सरकार का यह आदेश कांवड़ यात्रा के सफल संचालन के लिए कमिश्नर सहारनपुर मंडल की अध्यक्षता में हुई बैठक पर आधारित था. यह आदेश इसीलिए लागू किया गया था जिससे गलती से भी कांवड़िए किसी दुकान से कुछ ऐसा न खा लें जिससे उन की धार्मिक भावनाएं आहत हो, कांवड़ियों को परोसे जाने वाले खाने-पीने की चीजों के संबंध में छोटे-छोटे भ्रम भी उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते हैं और भड़का सकते हैं.

राज्य द्वारा जारी निर्देश दुकानों और भोजनालयों के नामों के कारण होने वाले भ्रम के संबंध में कांवड़ियों से मिली शिकायतों के जवाब में जारी किए गए थे. ऐसी शिकायतें मिलने पर पुलिस अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की चिंताओं को दूर करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई की. साथ ही प्रदेश सरकार ने कोर्ट से नेम प्लेट आदेश के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने को भी कहा.

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