Lok Sabha Election: कौन हैं साकेत मिश्रा, जिन्हें श्रावस्ती से BJP ने बनाया उम्मीदवार, कभी छोड़ी थी IPS की नौकरी
Lok Sabha Election 2024: बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 195 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने इस बार कई नए चेहरे को भी चुनावी मैदान में उतारा है. इन नए चेहरों में यूपी के श्रावस्ती सीट से चुनाव लड़ रहे साकेत मिश्रा का नाम भी शामिल है. वे पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सचिव रह चुके हैं. इसके अलावा राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं. इससे पहले 2019 में हुए आम चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को हार का सामन करना पड़ा था. ऐसे में इस पर भाजपा के लिए नए चेहरे पर दांव खेलना कितना फायदेमंद होगा ये तो नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा.
श्रावस्ती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे साकेत मिश्रा वर्तमान समय में यूपी विधानपरिषद में भाजपा के मनोनीत सदस्य हैं. उनके पिता नृपेंद्र मिश्रा 1967 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. वर्तमान समय में वह अयोध्या राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नृपेंद्र मिश्रा के बीच अच्छे संबंध है.
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आईपीएस की नौकरी छोड़ चले गए थे विदेश
दिल्ली के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद साकेत मिश्रा इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोलकाता से डिग्री ली.इसके बाद उन्होंने बैंक में नौकरी की, हालांकि, सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए उन्होंने सिर्फ एक महीने में नौकरी छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस परीक्षा पास कर आईपीएस बन गए. लेकिन यहां भी उन्होंने ज्यादा दिन रूके और इन्वेस्टमेंट सेक्टर में काम करने के लिए नौकरी छोड़ विदेश चले गए.जहां 18 सालों तक उन्होंने दुनिया के बड़े बैंकों के लिए काम किया. इसके बाद उन्होंने भारत आकर समाज सेवा करने का फैसला किया.
श्रावस्ती से ही क्यों चुनाव लड़ रहे साकेत?
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा सीट से साकेत मिश्रा का गहरा नाता रहा है. उनका ननिहाल इसी क्षेत्र में आता है. उनके नाना बहराइच से पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के बीच साकेत काफी लोकप्रिय हैं. गौरतलब है कि साल 2018 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया था.
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा सीट से साकेत मिश्रा का गहरा नाता रहा है. उनका ननिहाल इसी क्षेत्र में आता है. उनके नाना बहराइच से पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं. पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के बीच साकेत काफी लोकप्रिय हैं. गौरतलब है कि साल 2018 में भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया था.
2019 में बीएसपी को मिली सफलता
श्रावस्ती कई मायनों में खास है, पूर्व प्रधानमंत्री अटलल बिहारी वाजपेयी की ये कर्मभूमी है. माफिया अतीक अहमद भी इस सीट से चुनाव लड़ चुका है. लेकिन उसे यहां हार का सामना करना पड़ा था. 2009 लोकसभा में कांग्रेस और 2014 में भाजपा और 2019 में बीएसपी प्रत्याशी को जीत मिली थी.