UP: ‘सपा नहीं हम अपनों से लड़ रहे थे’, लोकसभा चुनाव में हार के बाद BJP में बढ़ी अंतर्कलह

BJP: इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने और उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा उठाया था. 
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

BJP: हाल ही में देशभर में लोकसभा चुनाव हुआ है. लेकिन इस बार उत्तर में बीजेपी का प्रदर्शन उम्मीद से बेहद ही खराब रहा है. जिसके बाद से ही पार्टी के नेताओं की नाराजगी और दर्द रह-रहकर सामने आ रहा है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में यमुनापार के अध्यक्ष विनोद प्रजापति ने एक बड़ा बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं पर भी सवाल खड़ा किया है. अपने बयान में विनोद प्रजापति ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं ने पूरे मन के साथ बूथों पर अपना काम नहीं किया.

यही नहीं इसके बाद जो उन्होंने कहा वो सबसे दिलचस्प बात है. दरअसल, उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजे पर बात करते हुए कहा कि हम लोग समाजवादी पार्टी से नहीं अपनों से ही चुनाव लड़ रहे थे. बीजेपी के नेताओं और पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही है.

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यूपी से लेकर बंगाल अंतरकलह की आवाज

बता दें कि इस चुनाव में बीजेपी को इलाहाबाद की लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. यहां से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार उज्जवल रमण सिंह ने लगभग 59 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी को हराया है.  उत्तर प्रदेश से लेकर झारखंड, मणिपुर, पुडुचेरी, बिहार, और महाराष्ट्र तक में बीजेपी और एनडीए के भीतर विरोधी सुर सामने आ रहे हैं. पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी नेताओं की अंतरकलह सामने आई थी.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी एससी, एसटी और ओबीसी के अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी नहीं मिलने और उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मुद्दा उठाया था.

पूरी ताकत लगाने के बाद भी मिली हार

बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाने के बाद राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई और राष्ट्रीय नेतृत्व का फोकस भी इस राज्य पर ही था. बीजेपी के पूरी ताकत झोंकने और पूरब से लेकर पश्चिम तक सहयोगियों को जोड़कर चुनाव मैदान में उतरने के बाद भी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा.

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