‘पुलिस कमिश्नरेट, कमीशन रेट बन गई है’, BJP विधायक ने अपनी ही सरकार की पुलिस पर उठाया सवाल, CM योगी को लिखा पत्र
UP News: उत्तर प्रदेश के आगरा कैंट से भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश ने अपनी ही सरकार की पुलिस के खिलाफ बगावत शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा है कि आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं, बल्कि कमीशन रेट है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में विधायक ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा है कि अधिकारी से लेकर पुलिसकर्मी तक मुख्यमंत्री की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के खिलाफ काम कर रहे हैं.
बीजेपी विधायक ने आगे कहा कि भूमाफियाओं और अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छत्ता थाने से एक गैर जमानती वारंटी को पकड़ा और दो घंटे बाद थाने से ही छोड़ दिया गया. विधायक ने इंस्पेक्टर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिर किसके आदेश पर अपराधी को छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि वो जल्द ही सीएम योगी से मुलाकात कर आगरा पुलिस के करनामों को बताएंगे. उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
ये भी पढ़ें- 10 अक्टूबर से पहले सड़कों को बनाएं गड्ढामुक्त, CM योगी ने अधिकारियों को दे दी डेडलाइन
सपा प्रमुख ने योगी सरकार पर कसा तंज
वहीं इस मामले को लेकर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर निशान साधा है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा राज मे ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेप्शनरेट’ बन गए हैं. कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है. अखिलेश ने यह भी पोस्ट किया है कि यूपी के मुख्यमंत्री कम से कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्यूंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमिश्नर रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए लिखा कि अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफआईआर लिखवाएंगे या बुलडोजर का डर दिखाएंगे. बता दें कि भाजपा विधायक ने पत्र के जरिए यह भी कहा कि पुलिस की लचर पैरवी के चलते अपराधी, बलात्कारी और भू माफिया आये दिन बरी हो रहे हैं. कोर्ट से गैर जमानती वारंटियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें छोड़ा जा रहा है. सरकार की स्वच्छ छवि धूमिल हो रही है.
भ्रष्टाचार में डूबा है सरकार और प्रशासन- अखिलेश
अखिलेश ने कहा, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, बजट की लूट, निर्दोषों पर झूठे मुकदमे, फर्जी मुठभेड़, बढ़ते अपराध से प्रदेश की छवि खराब हो रही है. पुलिस प्रशासन मनमानी पर उतारू है. भाजपा सरकार ने अपने 7 साल के शासनकाल में ऐसा माहौल बना दिया है कि आज कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा है. उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस का भाजपा का दावा झूठा है. बीजेपी नेता, विधायक खुद मानते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया है. सरकार और प्रशासन गले तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है.