छोटे बच्चों में टॉफी या च्युइंग गम खाने से गंभीर खतरे की संभावना होती है च्युइंग गम निगलने पर पेट में बनी रह सकती है और आंतों में ब्लॉकेज का कारण बन सकती है.
शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बनती हैं. इससे शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित होती है.
देर रात तक जागने और नींद न आने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. रेगुलर 7-8 घंटे की नींद न लेने से अनिद्रा और मेंटल हेल्थ की समस्याएं हो सकती हैं.
सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और लंग्स के साथ हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाता है. स्मोकिंग से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और बैक बोन से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
अखरोट में मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड हड्डियों को मजबूत बनाता है और दर्द में राहत देता है. कमजोर हड्डियों वाले लोगों को रोज सुबह खाली पेट भीगे हुए अखरोट खाने की सलाह दी जाती है.
त्योहारों पर ज्यादा और अनहेल्दी खाने से पेट की समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग बढ़ सकती हैं. अजवाइन की चाय गैस, एसिडिटी, सीने में जलन और ब्लोटिंग की समस्या को कम करती है.
दीवाली में अधिक तैलीय, मसालेदार और मीठे खाद्य पदार्थ पाचन समस्याएं बढ़ा सकते हैं. भोजन संयम से खाएं, छोटे-छोटे हिस्सों में दिनभर कई बार खाएं ताकि पाचन तंत्र पर बोझ न पड़े.
नेपाल के हिमालय में पाया जाने वाला 'मैड हनी' एक दुर्लभ और खतरनाक प्रकार का शहद है. यह शहद रोडोडेंड्रॉन फूलों से बनता है जिनमें ग्रेयानोक्सिन नामक न्यूरोटॉक्सिन पाया जाता है.
आजकल की बदलती जीवनशैली के कारण अधिकतर लोगों में कैल्शियम की कमी हो रही है. इस कमी का मुख्य कारण बिगड़ी हुई डाइट और विटामिन डी की कमी है.
पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं में बच्चे, राहगीर और बुजुर्ग सभी शामिल होते हैं. पटाखों को जलाते समय लापरवाही से जानलेवा हादसे हो सकते हैं, खासकर बच्चों के लिए.