सर्दियों में शकरकंद का सीजन होता है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होती है. इसमें फाइबर, विटामिन ए, सी, बी6, पोटेशियम और मैंगनीज होते हैं.
भुने हुए चने में प्रोटीन, फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट, फैटी एसिड और फोलेट अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं.
सर्दियों में कुछ लोगों को ज्यादा ठंड महसूस होने का कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
दिन में ज्यादा नींद महसूस होने से डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है. डिमेंशिया में याददाश्त में कमी, भ्रम की स्थिति, पर्सनालिटी में बदलाव, और डेली रुटीन में दिक्कतें आती हैं.
जुकाम (सर्दी) आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है और सर्दियों में अधिक बढ़ता है. सर्दियों में शरीर का तापमान गिरने और विटामिन D की कमी से इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है.
तुलसी की पत्तियां ओवरऑल हेल्थ को मजबूत बनाने में असरदार हैं. तुलसी का पानी रोजाना पीना सेहत के लिए अधिक फायदेमंद माना जाता है.
खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी डाइट सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. कुछ आदतें, चाहे अनजाने में ही सही, कैंसर का कारण बन सकती हैं.
अंजीर एक पौष्टिक सुपरफूड है, जिसे फल और ड्राई फ्रूट दोनों रूप में खाया जा सकता है. सूखे अंजीर को भिगोकर खाने से इसके स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं.
लगातार कब्ज की समस्या कोलन कैंसर का संकेत हो सकती है.कोलन कैंसर बड़ी आंत या रेक्टम में होता है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है.
नवंबर की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत में ठंड का अहसास होने लगा है. ठंड के मौसम में इम्यूनिटी बढ़ने की संभावना होती है, लेकिन यह कई बीमारियाँ भी ला सकता है.