‘बॉर्डर पर नए तनाव से बचें’, भारत का पाकिस्तान के बाद चीन को सख्त संदेश

Rajnath Singh: राजनाथ सिंह ने 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद रुकी हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने पर खुशी जताई.
Rajnath Singh

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Rajnath Singh: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया. यह मुलाकात गुरुवार, 26 जून को चीन के क़िंगदाओ शहर में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान हुई.

राजनाथ सिंह ने इस बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को सीमा पर नए तनाव से बचना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों में विश्वास की कमी को दूर करने के लिए एक स्थायी समाधान की दिशा में काम करना चाहिए.

मानसरोवर यात्रा शुरू होने पर जताई खुशी

राजनाथ सिंह ने 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद रुकी हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा के फिर से शुरू होने पर खुशी जताई. छह साल बाद फिर से शुरू होने जा रही इस यात्रा से देशवासी काफी खुश हैं. इस यात्रा को पहले कोविड-19 महामारी और बाद में पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर सैन्य तनाव के कारण रोक दिया गया था. सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों को इस सकारात्मक गति को बनाए रखना चाहिए और संबंधों में नई जटिलताएं नहीं जोड़नी चाहिए.

आतंकवाद को लेकर हुई बात

राजनाथ सिंह ने SCO बैठक में आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया और बिना पाकिस्तान का नाम लिए, आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली नीतियों की निंदा की. उन्होंने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया. राजनाथ सिंह ने SCO द्वारा तैयार किए गए घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, दस्तावेज में आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे को कमजोर दिखाया गया था, जिससे भारत के सख्त रुख को नुकसान पहुंच सकता था. इसी कारण राजनाथ सिंह ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए.

इसके अलावा, सिंह ने एक चार-सूत्रीय योजना का प्रस्ताव रखा, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने, विश्वास बहाली, और तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात शामिल थी. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के लिए यह जरूरी है कि दोनों पक्ष मिलकर एक समयबद्ध रोडमैप पर काम करें.

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चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत, चीन के साथ टकराव की मंशा नहीं रखता, बल्कि संवाद को गहरा करने और आपसी विश्वास को बढ़ाने में रुचि रखता है. यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है, खासकर गलवान संघर्ष के बाद उत्पन्न तनाव के बाद.

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