‘ब्लड मनी नहीं, बदला…’, तलाल के भाई का आया बयान, निमिषा प्रिया के लिए राहत नहीं आसान!

2008 में यमन जाकर वहां के अस्पताल में नर्स के तौर पर काम करने वाली निमिषा पर अपने बिजनेस पार्टनर को नशे की ओवरडोज देकर मारने का आरोप है.
nimisha priya

निमिषा प्रिया

Nimisha Priya: यमन में अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या के मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya) को फिलहाल राहत मिल गई है. निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जाने वाली थी, जिसे फिलहाल टाल दिया गया है. लेकिन उनके बचने की संभावनाएं बेहद कम होती दिखाई दे रही हैं.

दरअसल, तलाल अब्दो महदी के परिवार वाले निमिषा के परिवार से किसी भी तरह के सुलह के लिए राजी नहीं हैं. तलाल के भाई ने सुलह की अटकलों पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फांसी रुकवाने वाले जानते हैं कि परिवार किसी तरह से सुलह के लिए तैयार नहीं है.

तलाल के भाई को चाहिए बदला!

तलाल के भाई फत्तेह ने एक ऑनलाइन पोस्ट में लिखा, “सुलह को लेकर जो कुछ चल रहा है वह न नया है और नहीं हैरान करने वाला है. हम पर बहुत दबाव बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इससे हमारा मन नहीं बदलने वाला है. हमारी मांग बहुत स्पष्ट है.. बदला- चाहे कुछ भी हो..”

तलाल की हत्या के मामले में निमिषा को 16 जुलाई को फांसी दी जाने वाली थी, लेकिन फांसी टल गई तो उन्हें थोड़ी राहत मिली. इससे तलाल के परिवार से सुलह के लिए उन्हें और वक्त मिल गया. इस मामले में अब ‘ब्लड मनी’ पर ही सभी की नजरें टिकी हैं लेकिन तलाल के भाई के पोस्ट के बाद यह कहना मुश्किल है कि इस मामले में भी निमिषा के लिए कुछ राहत मिलेगी.

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बिजनेस पार्टनर की हत्या का है आरोप

केरल की नर्स निमिषा प्रिया 2017 से ही यमन की जेल में बंद हैं. 2008 में यमन जाकर वहां के अस्पताल में नर्स के तौर पर काम करने वाली निमिषा पर अपने बिजनेस पार्टनर को नशे की ओवरडोज देकर मारने का आरोप है. इस मामले में यमन की अदालत ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई थी.

निमिषा के परिवार ने अदालत में इस फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने फांसी की सजा को बरकरार रखा था. यहां तक कि निमिषा की तरफ से यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील की गई थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी.

निमिषा को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से ही भारत में मौजूद उनका परिवार सरकार से इस मामले में कूटनीतिक प्रयासों के जरिए मदद करने की गुहार लगाता रहा है. भारत सरकार के अधिकारी भी लगातार यमन के जेल प्रशासन और अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए है. लेकिन मृतक के परिवार के अड़ियल रवैये के कारण इस मामले में बड़ी राहत अभी तक नहीं मिल पाई है.

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