पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीजफायर पर हुए सहमत, कतर में दोनों देशों के बीच हुआ फैसला
कतर में पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीजफायर पर सहमत हुए
Pakistan Afghanistan Ceasefire: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति बहाली को लेकर सहमति बनती दिख रही है. कतर और तुर्किये की मध्यस्थता में हुई बैठक में में दोनों देशों ने तत्काल युद्ध विराम पर सहमत हो गए हैं. इस बारे में जानकारी कतर के विदेश मंत्रालय ने ऑफिशियल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट के जरिए जानकारी दी. हालांकि, इससे पहले भी दोनों देशों के बीच 48 घंटे का युद्ध विराम जारी हुआ था, जिसके खत्म होते हुए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था.
कतर के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
कतर के विदेश मंत्रालय ने रविवार (19 अक्टूबर) को ऑफिशियल एक्स पोस्ट पर एक बयान जारी किया. इसमें लिखा है कि कतर और तुर्की गणराज्य की मध्यस्थता में दोहा में पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य और अफगानिस्तान के बीच वार्ता का एक दौर आयोजित किया गया. वार्ता के दौरान, दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और दोनों देशों के बीच स्थायी शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए तंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए.
Statement | Pakistan and Afghanistan Agree to an Immediate Ceasefire During a Round of Negotiations in Doha#MOFAQatar pic.twitter.com/fPXvn6GaU6
— Ministry of Foreign Affairs – Qatar (@MofaQatar_EN) October 18, 2025
दोनों पक्ष युद्ध विराम की स्थिरता सुनिश्चित करने और विश्वसनीय एवं स्थायी तरीके से इसके कार्यान्वयन की पुष्टि करने के लिए आने वाले दिनों में अनुवर्ती बैठकें आयोजित करने पर भी सहमत हुए, जिससे दोनों देशों में सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने में योगदान मिलेगा. विदेश मंत्रालय ने कतर राज्य की आशा व्यक्त की कि यह महत्वपूर्ण कदम दोनों भाईचारे वाले देशों के बीच सीमा पर तनाव को समाप्त करने में योगदान देगा और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए एक ठोस आधार तैयार करेगा.
ये भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने फिर अलापा पुराना राग! जेंलेस्की से मुलाकात के दौरान बोले- रूस से तेल नहीं खरीदेगा भारत
साढ़े चार घंटे तक चली बैठक
कतर की राजधानी दोहा में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध विराम को लेकर बंद कमरे में लगभग साढ़े चार घंटे तक बैठक चली. शांति स्थापित करने और तनाव कम करने पर चर्चा भी हुई. दोनों देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कतर और तुर्किये भी शामिल हुए.