Haryana Election: कांग्रेस के साथ गठबंधन पर संकट के बादल! 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है केजरीवाल की AAP

आप को अधिक सीटें आवंटित करने में कांग्रेस की अनिच्छा हाल के लोकसभा चुनावों में आप के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए ज्यादा सीटें देने से परहेज कर रही है.
राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल

राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल

Haryana Election: हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन में कथित तौर पर सीट बंटवारे को लेकर बातचीत धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा में कांग्रेस के नेता आप को बहुत अधिक सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे दोनों दलों के बीच तनाव बढ़ रहा है. पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ नेताओं ने AAP के साथ गठबंधन की बातचीत का विरोध भी किया था.

50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में आप

सूत्रों के मुताबिक, अगर कांग्रेस मौजूदा सीट बंटवारे के फॉर्मूले को बनाए रखने पर जोर देती है, तो 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन नहीं बनाया जाएगा. सूत्रों ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस आप को अधिक सीटें आवंटित करने के लिए सहमत नहीं होती है, तो आप हरियाणा विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है. सूत्रों ने यह भी संकेत दिया है कि आप आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची रविवार को जारी करेगी.

यह भी पढ़ें: ससुराल से ही चुनाव लड़ेंगी विनेश फोगाट! कितना काम आएगा ओलंपिक का सहानभूति फैक्टर?

ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं कांग्रेस

राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा है, जहां कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं और आप पिछले राज्य चुनाव में एक भी सीट हासिल करने में विफल रही थी. आप को अधिक सीटें आवंटित करने में कांग्रेस की अनिच्छा हाल के लोकसभा चुनावों में आप के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए है. हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होंगे. उम्मीदवारों को 12 सितंबर तक अपना नामांकन दाखिल करना होगा. चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय की मतदान परंपराओं का सम्मान करने के लिए चुनाव की तारीख 1 अक्टूबर से बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दी है, जो राज्य के तीन जिलों में एक महत्वपूर्ण समूह है.

कांग्रेस नेताओं का विरोध

कांग्रेस नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने हरियाणा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस-AAP गठबंधन की बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा था, “आम आदमी पार्टी का हरियाणा में कोई आधार नहीं है और मुझे लगता है कि हम उन्हें क्यों जगह दें? लेकिन अगर कोई मजबूरी है, तो यह हाईकमान पर निर्भर करता है कि वह अन्य राज्यों में भी उनके साथ समझौता करना चाहता है या नहीं. मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ही तय करेंगे कि हमें गठबंधन बनाने की जरूरत है या नहीं. जहां तक ​​मेरी निजी राय है, कांग्रेस को हरियाणा में गठबंधन की जरूरत नहीं है. कांग्रेस की लोकप्रियता अपने चरम पर है.”

ज़रूर पढ़ें