MP News: इंदौर का प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर; अहिल्या बाई होलकर ने की थी स्थापना, विशेष अवसर पर भगवान गणेश करते हैं 3 करोड़ का श्रृंगार
MP News: इंदौर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा शहर है. ये शहर कई वजहों से फेमस है. यहां कई सारे फेमस मंदिर भी हैं जिनमें से एक है खजराना गणेश मंदिर. इंदौर के खजराना एरिया में स्थित मंदिर को ही खजराना गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश और विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर की प्रसिद्धि विदेशों तक है. इसके इतिहास और खासियत की वजह से पूरे देश और दुनिया में फेमस है.
कुएं में मिली थी मूर्ति
इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन हमें इस मंदिर के कुछ-कुछ साक्ष्य मुगल काल से मिलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब के आक्रमण के समय मंदिर में स्थापित मूर्ति को कुएं में सुरक्षित रूप से छुपा दिया गया था. पहले के जमाने में मंदिर की मूर्तियों को खंडित होने से बचाने के लिए कुएं में छुपा दिया जाता था. खजराना के गणेश मंदिर की मूर्ति को छुपा दिया गया था. बाद में मूर्ति को कुएं से निकालकर मंदिर में स्थापित किया गया.
देवी अहिल्या बाई होलकर ने स्थापना की
भारत में देवी अहिल्या बाई होलकर को मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए जाना जाता है. खजराना के गणेश मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति को स्थापित करने का श्रेय देवी अहिल्या बाई को जाता है. साल 1735 में अहिल्या बाई होलकर ने इस मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करवाई. मंदिर के गर्भगृह में भगवान गणेश के अलावा रिद्धि और सिद्धि की प्रतिमा भी स्थापित हैं.
गर्भगृह के चांदी से मढ़ा गया है. भगवान गणेश का सिंहासन भी चांदी से बना हुआ है. इसके अलावा भगवान गणेश की प्रतिमा को नारंगी सिंदूर से रंगा जाता है.
विशाल रूप में मंदिर का निर्माण 1875 में करवाया गया था. आज के समय ये मंदिर इंदौर का सबसे विशाल मंदिर है. संगमरमर और सफेद रंग से बना ये मंदिर आंखों को सुकून देता है और आध्यात्मिकता का रंग लाता है.
मनोकामना पूरी करने के लिए श्रद्धालु बनाते हैं उल्टा स्वास्तिक
इस मंदिर की दीवारों पर कई जगह उल्टा स्वास्तिक देखने को मिल जाएगा. श्रद्धालुओं के बीच ऐसी मान्यता है कि मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से मनोकामना पूरी होती है. कुमकुम और सिंदूर से उल्टा स्वास्तिक बनाया जाता है.
3 करोड़ रुपये का श्रृंगार करते हैं भगवान गणेश
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में उमड़ती है. इस दौरान मंदिर में विशेष व्यवस्था की जाती है. मंदिर को अच्छे से सजाया जाता है. लोगों को जल्दी दर्शन हो इसकी व्यवस्था की जाती है. गणेशोत्सव के समय भगवान गणेश 3 करोड़ रुपये का श्रृंगार करते हैं. विशेष आयोजनों के लिए मुकुट और वस्त्र को रखा जाता है.
त्योहार पर किया जाता है विशेष शृंगार
गणेशोत्सव के समय भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार किया जाता है. इसके अलावा दीवाली, नवरात्र, नववर्ष और दूसरे त्योहारों पर विशेष श्रृंगार किया जाता है.
इस मंदिर परिसर में हैं कई सारे मंदिर
मुख्य मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है. इसके अलावा है यहां शनि मंदिर, पातालेश्वर शिव मंदिर, राम दरबार, राधा कृष्ण मंदिर जैसे कई सारे मंदिर हैं.