Kolkata Rape Murder Case: एक महीने में भी नहीं सुलझी गुत्थी, अब भी न्याय के इंतजार में ट्रेनी महिला डॉक्टर का परिवार

आरोप है कि 10 अगस्त को पीड़िता का शव मिलने के एक दिन बाद प्रिंसिपल आरजी कर ने शौचालय और पास के शौचालय को ध्वस्त करने का निर्देश दिया. एजेंसी के अधिकारियों का मानना ​​है कि तोड़फोड़ के कारण अपराध स्थल पर मौजूद महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो गए.
Kolkata Rape Murder Case

प्रतीकात्मक तस्वीर

Kolkata Rape Murder Case: 31 वर्षीय ट्रेनी महिला डॉक्टर को एक महीने पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में बलात्कार और हत्या कर दी गई थी. इस जघन्य अपराध के कारण पूरे देश में आक्रोश फैल गया और पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन और रैलियां निकाली गईं. आरोप और प्रति-आरोप लगे हैं कि पीड़ित के परिवारों को इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए रिश्वत दी जा रही है.

सीबीआई कर रही मामले की जांच

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर कथित तौर पर इस घटना को छिपाने की कोशिश करने के लिए भाजपा का भारी दबाव है. भारी हंगामे के बाद पीड़िता के माता-पिता की याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया. अब तक, सीबीआई ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया है, जिसे बलात्कार और हत्या मामले का एकमात्र मास्टरमाइंड माना जाता है. रॉय अस्पताल में नागरिक स्वयंसेवक के रूप में काम करते थे. इस बीच, सीबीआई ने दावा किया है कि कुछ बाधाएं हैं जो मामले को सुलझाने में बाधा बन रही हैं. सीबीआई के सामने सबसे बड़ी बाधा अपराध स्थल है. जांच एजेंसी का मानना ​​है कि अपराध स्थल से अपर्याप्त साक्ष्यों के कारण उनके लिए मामले की तह तक पहुंचना मुश्किल है. यह बात सीबीआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से बातचीत में कही.

यह भी पढ़ें: AICC मुख्यालय में किस कांग्रेस नेता को सीनियर ने लगाई फटकार, BJP से बढ़ती नजदीकियां बनी वजह?

सीबीआई को नहीं मिल रहे साक्ष्य

आरोप है कि 10 अगस्त को पीड़िता का शव मिलने के एक दिन बाद प्रिंसिपल आरजी कर ने शौचालय और पास के शौचालय को ध्वस्त करने का निर्देश दिया. एजेंसी के अधिकारियों का मानना ​​है कि तोड़फोड़ के कारण अपराध स्थल पर मौजूद महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट हो गए. इस बीच, पीड़िता के माता-पिता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है. परिवार को यह भी संदेह है कि अपराध स्थल पर साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है. जांच एजेंसी का मानना ​​है कि अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में डॉ. संदीप घोष के अलावा कई लोग शामिल थे, जिन्हें अब एजेंसी ने तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया है.

सुर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई मामला सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कोलकाता रेप केस मामले की नौ सितंबर को सुनवाई करने वाली है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और मामले की सोमवार को दूसरी बार सुनवाई करेगा.

 

ज़रूर पढ़ें