इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी दर में कटौती पर बनी सहमति, GST Council की बैठक में कई बड़े फैसले
GST Council: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दर में कटौती को लेकर व्यापक सहमति बनी है. हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय अगले जीएसटी परिषद की बैठक में लिया जाएगा क्योंकि अभी भी इस निर्णय की बारीकियों पर काम किया जाना बाकी है. अगर यह लागू होता है तो आम आदमी के लिए यह बड़ी राहत है.
वर्तमान में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% की जीएसटी दर लागू है. इस कटौती की संभावना पर चर्चा करते हुए फिटमेंट समिति ने (जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के कर अधिकारी शामिल थे) स्वास्थ्य, जीवन और पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती के संभावित प्रभावों का विश्लेषण प्रस्तुत किया है.
कटौती से पॉलिसीधारकों को राहत
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर में कटौती से करोड़ों पॉलिसीधारकों को राहत मिलेगी और बीमा उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा. 2017 में जीएसटी के लागू होने से पहले, बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था. वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से लगभग ₹8,263 करोड़ और पुनर्बीमा प्रीमियम पर ₹1,484 करोड़ की वसूली की गई है. हाल ही में, मासिक जीएसटी संग्रह में उछाल देखी गई है, जो अब लगभग ₹1.75 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है. इस वृद्धि को देखते हुए सरकार के लिए ऐसे करदाता-अनुकूल उपायों को लागू करना अब संभव हो सकता है.
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राज्य और विपक्ष की राय
जीएसटी परिषद की बैठक में अधिकांश राज्यों ने बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दर में कटौती के पक्ष में समर्थन जताया है. यह मुद्दा संसद में भी उठ चुका है, जहां विपक्षी सदस्यों ने बीमा प्रीमियम पर कर छूट की मांग की है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने की अपील की है. पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले महीने जीएसटी दर की समीक्षा के लिए गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में बीमा प्रीमियम पर जीएसटी मुद्दा उठाया था. इसके बाद, यह मामला फिटमेंट समिति को भेजा गया था, जिसने इस पर विस्तार से विश्लेषण किया.
अब आगे क्या?
जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इस कटौती से बीमा क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ पॉलिसीधारकों को वित्तीय राहत मिलने की संभावना है. इस बीच, सरकार ने जीएसटी दरों को अधिक न्यायसंगत बनाने के लिए अन्य प्रस्तावित सुधारों पर भी काम करने की योजना बनाई है. इस महत्वपूर्ण निर्णय का बीमा उद्योग और पॉलिसीधारकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे बीमा की पहुंच और भी बढ़ सकती है.