MP News: अब इमारत, सड़क, बिजली के तारों की निगरानी करेंगे ड्रोन, IIT इंदौर ने विकसित किए AI-ड्रोन

MP News: इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर अभिरूप दत्ता, छात्र कुमार शेषांक शेखर, और शोध छात्र हर्षा अविनाश तांती कर रहे हैं. उन्होंने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो बहुत ही कम समय में सटीक नतीजे दे सकता है.
The AI ​​drone project is being led by IIT Indore professors Abhirup Dutta, Kumar Sheshank Shekhar, and Harsha Avinash Tanti.

AI ड्रोन प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर अभिरूप दत्ता, कुमार शेषांक शेखर, और हर्षा अविनाश तांती कर रहे हैं.

MP News: आईआईटी इंदौर ने एक नई और स्मार्ट तकनीक विकसित की है जो ड्रोन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के साथ जोड़ती है. यह तकनीक उन जगहों पर भी काम करती है जहाँ इंसानों का जाना मुश्किल होता है. इस तकनीक का मकसद इमारतों, सड़कों, बिजली के तारों और अन्य संरचनाओं की निगरानी करना और वहां पर किसी भी प्रकार की टूट-फूट या दरार का पता लगाना है.

यह नई तकनीक कैसे काम करती है?

ड्रोन उड़ता है और अपने कैमरों और सेंसर की मदद से आस-पास की संरचनाओं की तस्वीरें लेता है. इसके बाद, ये तस्वीरें AI और ML का उपयोग करके तुरंत प्रोसेस की जाती हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई दरार या समस्या तो नहीं है. इस तकनीक की खासियत यह है कि यह रियल-टाइम (यानि तुरंत) में नतीजे दे सकती है.

इस प्रोजेक्ट की खास बातें

इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर अभिरूप दत्ता, छात्र कुमार शेषांक शेखर, और शोध छात्र हर्षा अविनाश तांती कर रहे हैं. उन्होंने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जो बहुत ही कम समय में सटीक नतीजे दे सकता है। इस तकनीक का उपयोग बड़ी संरचनाओं जैसे कि लंबी सड़कों, गैस पाइपलाइनों, और हाई-टेंशन बिजली के तारों के निरीक्षण के लिए किया जा सकता है. यह तकनीक विशेष रूप से उन जगहों पर बहुत उपयोगी है जहां पारंपरिक तरीकों से पहुंचना मुश्किल होता है.

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इस तकनीक के लाभ

तेज़ और सटीक निरीक्षण: AI और ML के उपयोग से ड्रोन सिर्फ 25 मिलीसेकंड में दरारें और अन्य समस्याएं पहचान सकता है, और इसकी सटीकता 98.7% है.

किफायती और सुरक्षित: इस तकनीक के कारण निरीक्षण और मरम्मत का समय और लागत कम हो जाती है। क्योंकि इंसानों को खतरनाक जगहों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, इससे सुरक्षा भी बढ़ जाती है.

विविध उपयोग: इस तकनीक का उपयोग केवल सड़कों या बिजली लाइनों की निगरानी तक ही सीमित नहीं है; इसे रक्षा, अंतरिक्ष, और अन्य कई क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है.

कैसे भविष्य में बदलाव ला सकती है यह तकनीक?

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी का कहना है कि यह प्रणाली संरचनात्मक निरीक्षण और रखरखाव के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति ला सकती है. इसका मतलब यह है कि बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल करके इन्फ्रास्ट्रक्चर की देखभाल और सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है. यह न केवल समय और लागत बचाएगी, बल्कि भविष्य में बड़े हादसों को भी रोकने में मदद करेगी.

यह AI-ड्रोन तकनीक एक स्मार्ट और उन्नत समाधान है, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा और देखभाल में नई संभावनाएं खोलती है. यह एक नई दिशा में कदम है जो भविष्य में कई समस्याओं का समाधान कर सकती है, और इसे व्यापक स्तर पर लागू करने से समाज को बहुत लाभ होगा.

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