खालिस्तानी आतंकी पन्नू मामले में US कोर्ट ने भारत सरकार को भेजा समन, विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में बताया जाता है कि वह अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखता है और भारत में आतंकवाद के आरोपों में वॉन्टेड है. पन्नू खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख है और खालिस्तान की मांग करता रहता है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू

गुरपतवंत सिंह पन्नू

US Court Summon: अमेरिका की अदालत ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास के मामले में भारत सरकार और कुछ शीर्ष अधिकारियों को समन जारी किया है. इस समन में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल, और अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. इस मामले में अमेरिका ने निखिल गुप्ता और विक्रम यादव को भी समन भेजा है.

विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

भारत सरकार ने इस समन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह कदम पूरी तरह से अनुचित और निराधार है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं होगा और इस विशेष मामले पर उनका दृष्टिकोण पूर्ववत रहेगा. मिस्री ने यह भी उल्लेख किया कि गुरपतवंत सिंह पन्नू का संगठन, सिख फॉर जस्टिस (SFJ), एक गैरकानूनी संगठन है और इस पर UAPA के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है.

निखिल गुप्ता को पिछले साल न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें इस साल जून में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था. दूसरी ओर विक्रम यादव और पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल पर आरोप है कि उन्होंने इस साजिश में शामिल होने में भूमिका निभाई. हालांकि, केंद्र सरकार ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है.

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भारत में वांटेड है पन्नू

गुरपतवंत सिंह पन्नू के बारे में बताया जाता है कि वह अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखता है और भारत में आतंकवाद के आरोपों में वॉन्टेड है. पन्नू खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख है और खालिस्तान की मांग करता रहता है. पन्नू का जन्म पंजाब के नाथू चक गांव में हुआ और उसने अपनी शिक्षा लुधियाना और अमृतसर के पास खानकोट में प्राप्त की. 2007 में उसने SFJ की स्थापना की और खालिस्तान का कट्टर समर्थक बन गया. इस पूरे घटनाक्रम से भारत और अमेरिका के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जबकि भारत ने अपने रुख को स्पष्ट किया है और आरोपों को निराधार करार दिया है.

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