तिरुपति बालाजी के लड्डू में बीफ टैलो, गिरिराज ने की फांसी की मांग, अनिल विज बोले-मिलावट करने वालों को गोली से उड़ा देना चाहिए

इस मुद्दे पर सियासी प्रतिक्रियाएं तेजी से आ रही हैं. कुछ नेता इस मामले को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के सीएम से बात कर रिपोर्ट मांगी है.
अनिल विज और गिरिराज सिंह

अनिल विज और गिरिराज सिंह

Tirupati Temple: हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के मामले ने सियासी पारा चढ़ा दिया है. कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. इस बीच भाजपा नेता अनिल विज ने कहा कि मिलावट करने वालों को गोली से उड़ा देना चाहिए. वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर कहा, “मैं इस मामले में दो बातें कहना चाहूंगा. पहली, इसकी CBI जांच होनी चाहिए.”

उन्होंने कहा, “मैं 2 साल पहले वहां गया था, इस सरकार ने श्रीजा से घी नहीं खरीदा, जो दुनिया की सबसे बड़ी महिला स्वामित्व वाली संस्था है. इसकी CBI जांच होनी चाहिए. दूसरी, यह हिंदू धर्म के खिलाफ घोर अत्याचार है, सिर्फ मिलावट के लिए नहीं बल्कि इसके लिए अपराधी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए क्योंकि जिस सरकार ने ऐसा किया वह एक विशेष समुदाय की थी.”

मिलावट का मुद्दा

तिरुपति मंदिर, जिसे भगवान वेंकटेश्वर का निवास माना जाता है, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यहां प्रसाद के रूप में ‘लड्डू’ लोगों को वितरित किया जाता है. हाल के दिनों में यह रिपोर्ट्स आई हैं कि इस प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो न केवल श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है.

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जेपी नड्डा ने मांगी रिपोर्ट

इस मुद्दे पर सियासी प्रतिक्रियाएं तेजी से आ रही हैं. कुछ नेता इस मामले को धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आंध्र प्रदेश के सीएम से बात कर रिपोर्ट मांगी है. यह स्पष्ट है कि यह मामला न केवल धार्मिक मान्यता से जुड़ा है, बल्कि इसमें राजनीति भी शामिल है. तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला अब सिर्फ एक स्वास्थ्य मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह एक बड़ा सियासी विवाद बन चुका है. आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और बहस होने की संभावना है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है.

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