MP News: दिन भर PUBG खेलता था छात्र, मां ने मोबाइल छीना तो कर ली खुदखुशी

MP News: जांच अधिकारी निलेश पाल ने बताया कि कृष्णा बाणगंगा थाना क्षेत्र के नंद बाग में अपनी बहन के घर रहता था. पुलिस को उसके पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. बाणगंगा पुलिस उसकी खुदकुशी की जांच कर रही है.
Krishna, a second year graduation student, committed suicide by consuming poisonous substance.

ग्रेजुएशन सेकंड ईयर के छात्र कृष्णा ने जहरीली वस्तु का सेवन कर खुदकुशी कर ली.

MP News: पबजी गेम दुनिया भर में खेला जाता है. युवा पीढ़ी इस गेम की इस कदर आदि होती जा रही है कि उन्हें जान लेना देना गेम जितना आसान लगने लगा है. इंदौर में सेकंड ईयर के एक छात्र को मोबाइल की ऐसी लत लगी कि उसे खाने पीने का भी होश नही रहा, दिन रात मोबाइल में गेम खेलता रहता, परिजनों से बात भी नहीं करता और जब उससे मोबाइल छीन लिया तो उसने आत्मघाती कदम उठा लिया. जहरीली वस्तु का सेवन कर उसने अपनी जान दे दी. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

दिन-रात पबजी गेम खेलता था मृतक

मामला इंदौर में सामने आया है, जहा ग्रेजुएशन सेकंड ईयर के छात्र कृष्णा ने जहरीली वस्तु का सेवन कर खुदकुशी कर ली. परिजन तक्षराज के मुताबिक वह पब्जी गेम का आदि था, दिन-रात मोबाइल में पब्जी ही खेलता रहता था. गेम खेलने में वह इतना उलझा रहता था कि खाना पीना भी भूल जाता था.

मां ने मोबाइल छीना तो गुस्से में दे दी जान

कृष्णा मूलतः शाजापुर जिले का रहने वाला था. यहां अपनी बहन के घर रहकर पढ़ाई कर रहा था. पिछले दिनों वह अपने घर गया था, जहां उसके गेम खेलने की लत से परेशान होकर उसकी मां ने उसका मोबाइल छीन लिया था. इसके बाद इंदौर आकर उसका मन किसी काम में नही लग रहा था. इसके चलते उसने अपने ही घर में जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया. इलाज के लिए उसे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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अपनी बहन के घर में रहता था  मृतक

जांच अधिकारी निलेश पाल ने बताया कि कृष्णा बाणगंगा थाना क्षेत्र के नंद बाग में अपनी बहन के घर रहता था. पुलिस को उसके पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. बाणगंगा पुलिस उसकी खुदकुशी की जांच कर रही है.

दरअसल, मोबाइल की लत में जान गंवाने या कोई गलत हरकत करने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे है. ऐसे में युवाओं को समय समय पर परिजन द्वारा बात करने और समझाइश देने की भी आवश्यकता है, ताकि युवा पीढ़ी इस तरह अपनी जान न गंवाए.

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