MP News: महाराष्ट्र, यूपी, राजस्थान के बाद अब एमपी में सेना की स्पेशल ट्रेन को निशाना बनाने की साजिश, लोको पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

MP News: शनिवार दोपहर को पुलिस विभाग की स्पेशल शाखा के डीएसपी, नेपानगर एसडीओपी और स्थानीय थाना प्रभारी सहित रेलवे के कई अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.
An attempt was made to cause an explosion by planting a detonator between the railway tracks in Sagphata area of ​​Nepanagar assembly of Burhanpur district.

बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर विधानसभा के सागफाटा क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के बीच डेटोनेटर लगाकर विस्फोट करने की कोशिश की गई.

MP News: महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के बाद अब मध्य प्रदेश में भी ट्रेन पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है. बुरहानपुर ज़िले के नेपानगर विधानसभा के सागफाटा क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के बीच डेटोनेटर लगाकर विस्फोट करने की कोशिश की गई. इस दौरान सेना की स्पेशल ट्रेन वहां से गुजरने वाली थी, लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ से यह साजिश नाकाम हो गई. घटना के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं.

यह घटना सेंट्रल रेलवे के भुसावल मंडल में सागफाटा स्टेशन के पास खंभा नंबर 537/5 और 537/3 के बीच हुई. यहां किसी ने ट्रैक पर डेटोनेटर लगा दिए थे. जैसे ही सेना की स्पेशल ट्रेन वहां से गुजरी, धमाके होने लगे. लोको पायलट ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को सागफाटा से कुछ दूरी पर रोक दिया और स्टेशन मास्टर को सूचित किया. लगभग 5 मिनट के बाद ट्रेन भुसावल की ओर रवाना हो गई.

 कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी आर्मी की स्पेशल ट्रेन

घटना 18 सितंबर की दोपहर 1:48 बजे की है. सेना की यह विशेष ट्रेन जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी. सागफाटा स्टेशन से पहले किसी ने रेलवे ट्रैक पर 10 डेटोनेटर लगा दिए. मामला सेना से जुड़ा होने के कारण सूचना मिलते ही जांच एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं.

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पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने किया निरीक्षण

शनिवार दोपहर को पुलिस विभाग की स्पेशल शाखा के डीएसपी, नेपानगर एसडीओपी और स्थानीय थाना प्रभारी सहित रेलवे के कई अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. देर शाम एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और एटीएस (एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड) के कुछ अधिकारी भी पहुंचे और घटना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.

इस नाकाम कोशिश के बाद मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है, खासकर क्योंकि यह सेना से जुड़ा हुआ है. जांच के दौरान कुछ संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, हालांकि अधिकारी गोपनीयता बरत रहे हैं और इस मामले में कोई भी जानकारी साझा करने से बच रहे हैं.

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