CM योगी के फैसले का मध्य प्रदेश में असर! अब इस जिले में दुकानदारों को लिखना होगा नाम

इस नए नियम का लक्ष्य सिर्फ दुकानदारों की पहचान को स्पष्ट करना नहीं है, बल्कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रतलाम में यह नियम कितनी सख्ती से लागू होता है और ब्लैक मार्केटिंग पर कितना असर डालता है.
Madhya Pradesh

Madhya Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले का असर अब मध्य प्रदेश के रतलाम में भी देखने को मिलेगा. सीएम योगी ने हाल ही में कहा कि सभी दुकानदारों, ढाबा और होटल के मालिकों को अपने नाम दुकान के बाहर लिखना होगा. रतलाम नगर निगम ने भी इसी तर्ज पर फैसला लिया है. अब जिले में लगने वाले मेले में भी दुकानों के बाहर प्रॉपराइटर का नाम दिखाना जरूरी होगा. इसका मकसद मेले में होने वाली ब्लैक मार्केटिंग को रोकना है, जिससे नगर निगम लंबे समय से परेशान है.

नवरात्रि उत्सव की तैयारी

24 सितंबर को नगर निगम की एक बैठक हुई, जिसमें नवरात्रि उत्सव की तैयारियों पर चर्चा की गई. खासकर कालिका माता मेले में लगने वाली दुकानों की नीलामी को लेकर चिंताएं जताई गईं. मेले में सैकड़ों दुकानों की नीलामी होती है, लेकिन यहां धांधली और ब्लैक मार्केटिंग के मामले अक्सर सामने आते हैं. इस बार नगर निगम ने ठान लिया है कि इस समस्या का समाधान किया जाएगा.

ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगाने की कोशिश

रतलाम नगर निगम के राजस्व समिति प्रभारी दिलीप गांधी ने बताया कि इस बार मेले में दुकानों के बाहर प्रॉपराइटर का नाम लिखना अनिवार्य होगा. ऐसा करने से ये दलाल जो नीलामी में ऊंची बोलियां लगाकर कई दुकानें अपने पास रख लेते हैं, उन पर लगाम लगेगी. अब एक ही व्यक्ति को केवल एक दुकान मिल सकेगी, जिससे जरूरतमंद दुकानदारों को सही दामों पर दुकानें मिल सकेंगी.

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यूपी सरकार का सख्त कदम

वहीं, यूपी सरकार ने भी इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में निर्देश दिया है कि खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी और मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनका उद्देश्य है कि खाने में मानव अपशिष्ट या अन्य गंदगी न मिले. इसलिए, होटल, ढाबे और दुकानों के संचालकों को अपने नाम प्रतिष्ठान के बाहर लिखना अनिवार्य होगा.

इस नए नियम का लक्ष्य सिर्फ दुकानदारों की पहचान को स्पष्ट करना नहीं है, बल्कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य को भी ध्यान में रखना है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रतलाम में यह नियम कितनी सख्ती से लागू होता है और ब्लैक मार्केटिंग पर कितना असर डालता है.

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