MP में चौथी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन सागर में, CM मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

MP News: सागर कॉन्क्लेव में "एक जिला-एक उत्पाद" सहित विभिन्न विभागों की हितग्राहीमूलक योजनाओं की प्रदर्शनी एवं स्टॉल भी लगाए गए. कॉन्क्लेव में बुंदेलखंडी संस्कृति से सराबोर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देश दुनिया से आए अतिथियों का मन मोह लिया.
The fourth Regional Industrial Conclave is being organized in Sagar in Madhya Pradesh.

मध्य प्रदेश में चौथी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव सागर में आयोजित हो रही है.

MP News: मध्य प्रदेश में चौथी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव शुक्रवार27 सिंतबर को सागर में हो रही है. इस इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को 5 घंटे तक उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा और सेक्टोरल-सत्र को संबोधित किया.

इस दौरान उन्होंने नवीन एवं प्रस्तावित परियोजनाओं का शिलान्यास एवं भूमि-पूजन भी किया जिससे बुंदेलखंड के विकास को नई दिशा और गति मिलेगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने पूर्व में की गई अपनी घोषणा के अनुसार कोयंबटूर में एमपी आईडीसी कार्यालय का वर्चुअल लोकार्पण भी किया. इसके साथ ही उन्होंने सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी जिलों में जिला निवेश प्रोत्साहन केंद्र का लोकार्पण किया. खास बात है कि कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस स्थानीय कुटीर उद्योग, पर्यटन, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, मूर्ति कला, फूड प्रोसेसिंग आदि हैं. बीड़ी उद्योग पर अलग सेशन में विस्तृत कार्य-योजना पर चर्चा होगी. ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’ में संभाग के सभी जिलों के स्थानीय उत्पादों की विश्व स्तर पर ले जाने को लेकर चर्चा होगी.

सीएम डॉ. यादव ने सेक्टोरल सत्रों के दौरान रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा की. कॉन्क्लेव में विभिन्न सेक्टोरल-सत्र आयोजित किए गए. इसमें पेट्रोकेमिकल, प्लास्टिक एवं संबधित सेक्टर (मुख्य फोकस– बीना रिफ़ाइनरी से संबंधित) कृषि, खाद्य प्र-संस्करण और डेयरी क्षेत्र, एमएसएमई एवं स्टार्टअप, कुटीर उद्योग (मुख्य फोकस-बीड़ी उद्योग), रिन्यूएबल एनर्जी, टेक्सटाइल व टेक्निकल टेक्सटाइल पर दो राउंड-टेबल सत्र, एक ज़िला-एक उत्पाद (ओडीओपी) से संबंधित कार्यशाला और स्थानीय समस्याओं के आईटी आधारित समाधान के लिए हैकथोन का आयोजन भी शामिल हैं.

कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस कुटीर उद्योग पर

कॉन्क्लेव का मुख्य फोकस स्थानीय कुटीर उद्योग रहा. बीड़ी उद्योग पर आधारित पृथक सेशन में विस्तृत कार्य-योजना पर चर्चा की गई. ‘एक ज़िला-एक उत्पाद’ में सागर संभाग के सभी जिलों के स्थानीय उत्पादों की विश्व स्तरीय गुणवत्ता, विपणन एवं प्र-संस्करण सहित अन्य मुद्दों पर भी सत्रों के दरमियान संभावनाओं पर आधारित चर्चा हुई.

निवेश की संभावनाओं संबंधी फिल्म दिखाई गई

कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं संबंधी वीडियो फिल्म दिखाई गई. प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश पर तो प्रमुख सचिव खनन एवं खनिज साधन संजय शुक्ला ने इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन माइनिंग सेक्टर पर प्रेजेंटेशन दिया. प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ल ने इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन टूरिज्म सेक्टर और सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने एमएसएमई एवं स्टार्टअप्स पर प्रेजेंटेशन दिया. कॉन्क्लेव में प्रबंध निदेशक हस्तशिल्प, हथकरघा विकास निगम एवं मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड मोहित बुंदस ने कुटीर एवं ग्रामोद्योग पर प्रेजेंटेशन दिया. इस अवसर पर प्रमुख उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में निवेश के अवसरों पर अपने अनुभव साझा किए. रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर एवं टेक्सटाइल व टेक्निकल सेक्टर में निवेश पर राउंड टेबल मीटिंग हुई. इस तरह उद्योगपतियों और निवेशकों को पूरी तरह संतुष्ट करने का प्रयास मोहन सरकार ने किया.

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बुंदेलखंड की कला, संस्कृति और हस्तशिल्प के लिए लगाए स्टॉल और प्रदर्शनी

सागर कॉन्क्लेव में “एक जिला-एक उत्पाद” सहित विभिन्न विभागों की हितग्राहीमूलक योजनाओं की प्रदर्शनी एवं स्टॉल भी लगाए गए. कॉन्क्लेव में बुंदेलखंडी संस्कृति से सराबोर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देश दुनिया से आए अतिथियों का मन मोह लिया. स्थानीय कलाकारों ने बुंदेलखंडी नृत्य और गायन की आकर्षक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों का स्वागत पारम्परिक तरीक़े से किया गया. अतिथियों के लिए बुंदेलखंडी व्यंजनों के साथ प्रदेश के कई अंचलों के स्वादिष्ट पकवान परोसे गए.

ग्वालियर की तुलना में ज्यादा निवेश की आस

बुंदेलखंड में खनिज के अपार भंडार, सागर में ग्वालियर की तुलना में ज्यादा निवेश की संभावना है, क्योंकि सेक्टर-1 बुंदेलखंड के अंचल ने आज विकास का नयाँ सबेरा देखा. बुंदेलखंड के सागर कॉन्क्लेव में ग्वालियर में आयोजित हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तुलना में ज्यादा निवेश आने का दावा किया जा रहा है क्योंकि यहां खनिज संपदा भरी पड़ी है. हीरा, रॉक फॉस्फेट, आयरन ओर, लाइम स्टोन, ग्रेनाइट, डोलोमाइट, पायरोफ्लाइट, डायस्पोर, सोपस्टोन, क्वार्ट्ज, क्वा‌र्ट्ज़र्ज़ाइट, रेड ओकर, रेत, एम. सेंड जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में हैं.

सेक्टर-2 खनिज के क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश आने की उम्मीद है. साथ ही बीना में पेट्रोकेमिकल हब, सागर और छतरपुर में फर्नीचर क्लस्टर को लेकर प्रयास आखिरी चरण में हैं. पेट्रोकेमिकल हब का काम शुरू भी हो गया है जिससे बुंदेलखंड में करीब 10 हजार करोड़ तक का निवेश व एमओयू साइन होने की बात कही जा रही है.

सेक्टर-3 बीना में पेट्रोकेमिकल हब में करीब 45 हजार करोड़ का निवेश आना है. इसकी शुरुआत शुक्रवार से हो सकती है. सहयोगी यूनिट्स स्थापित करने के लिए एमपीआइडीसी ने कई उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है, जो कॉन्क्लेव में शामिल होंगे.

सेक्टर- 4 सागर के औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में 250 करोड़ से 200 यूनिट्स स्थापित होनी हैं. यहां पर शुक्रवार को 40 से 50 कारोबारियों को भूखंडों के अधिकार पत्र सौंपे जाएंगे, जिसके बाद वे इंडस्ट्री लगाने का काम शुरू करेंगे.

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