पिछली दिवाली पर दिल्ली में बिकी 100 करोड़ की शराब, इस बार दुकानों पर नहीं पहुंच रहा स्टॉक
Delhi Liquor shortage: दिल्ली में शराब की भारी किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं, यहां शराब की कई दुकानों पर स्टॉक बिलकुल ही खत्म हो चुका है. वहीं कई दुकानों पर सीमित स्टॉक बच गया है. दुकानदारों का कहना है कि इस बार दिवाली पर शराब के शौकिनों को स्टॉक की कमी का मार झेलना पड़ेगा, क्यों स्थिति में कोई बड़ी सुधा नहीं दिख रही है. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि Excise Supply Chain Management System (ESCIMS) पोर्टल काम करना बंद कर दिया है. पोर्टल में लगातार तकनीकि खामियां देखने को मिल रही हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली का जो एक्साइज डिपार्टमेंट है, वो ही राजधानी में शराब के कारोबार को देखता है, उसकी हर गतिविधि पर नजर रखता है. इसके ऊपर जितने भी ऑर्डर शराब के प्लेस करने होते हैं, वो सब इसी पोर्टल पर होते हैं, ऐसे में अब जब वेबसाइट ही काम नहीं कर रही है, पूरी सप्लाई चेन ही दिल्ली में ठप पड़ चुकी है. कई दिनों से ऐसी स्थिति बनी हुई है और दुकानदार परेशान हैं.
ये भी पढ़ें- Sunil Jakhar: पंजाब में सुनील जाखड़ देंगे बीजेपी को झटका? छोड़ सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष का पद
वेयरहाउस में स्टोर हो रहा शराब
अब इस बारे में एक्साइज डिपार्टमेंट के ही एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पोर्टल इस साल कई मौकों पर खराब हुआ है. पिछले दो हफ्तों से तो लगातार पूरी तरह यह बंद चल रहा है. फिर एक हफ्ते के लिए जरूर काम किया, लेकिन अब 5-6 दिनों से फिर दिक्कत आने लगी है. सूत्र ने यह भी बताया है कि फैक्ट्रियों की तरफ से तो शराब दी जा रही हैं, लेकिन सारा वेयरहाउस में ही पड़ा हुआ है, वो आगे सप्लाई नहीं हो पा रहा क्योंकि पोर्टल काम नहीं कर रहा.
दिवाली पर भी हो सकती है शराब की किल्लतें!
इसी पोर्टल को लेकर बताया गया है कि पहले Tata Consultancy Services को सारी जिम्मेदारी दी गई थी, वो कंपनी ही अपनी तरफ से पोर्टल को संभाल रही थी। लेकिन इस साल मार्च में एग्रीमेंट खत्म हो गया है और उसके बाद से ही अब डिपार्टमेंट के अधिकारी ही वेबसाइट को संभाल रहे हैं। अब दिल्ली वालों के लिए खबर यह है कि दिवाली पर भी राहत नहीं मिलने वाली है, दुकानदारों ने साफ कर दिया है कि स्टॉक की भारी कमी है।
गौरतलब है कि पिछले साल तो दिल्ली में सिर्फ दिवाली के समय 100 करोड़ की शराब पी गई थी, लेकिन इस बार हालत बदले हैं, सरकार को तो नुकसान उठाना ही पड़ रहा है, पीने के शौकीनों को भ ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.