Chhattisgarh: मजहर खान द्वारा राका में प्रसाद के लिए बनाई जा रही इलायची दाने की फैक्ट्री हुई सील, खाद्य विभाग ने की कार्रवाई

Chhattisgarh News: तिरुपति के श्री प्रसादम में मिलावट के बाद से राजनांदगाव के खाद्य विभाग भी अब अलर्ट मोड में आ गया है. आपको बता दें की लगातार देश के सभी राज्यों के मंदिरों में वितरण होने वाले प्रसाद की जांच किया जा रहा है.
Chhattisgarh news

इलायची दाने की फैक्ट्री हुई सील

–  नितिन भांडेकर 

Chhattisgarh News: तिरुपति के श्री प्रसादम में मिलावट के बाद से राजनांदगाव के खाद्य विभाग भी अब अलर्ट मोड में आ गया है. आपको बता दें की लगातार देश के सभी राज्यों के मंदिरों में वितरण होने वाले प्रसाद की जांच किया जा रहा है. ऐसे में खाद्य विभाग ने राजनांदगाव जिलान्तर्गरत धर्मगरी के नाम से विख्यात डोंगरगढ़ तहसील के ग्राम राका में मजहर खान की एवन ट्रेडर्स की फैक्ट्री का औचक निरीक्षण किया था, जहाँ पर मजदूरों के द्वारा मजहर खान की फैक्ट्री में “श्री प्रसाद” के नाम से इलायची दाना बनाया जा रहा था. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी सहित विभाग की टीम ने बीते दिनों दबिश देकर एवन ट्रेडर्स में निर्मित इलायची दाना के सेंपल जप्त करते हुए प्रथम दृष्टया में यह पाया की फैक्ट्री में निर्मित इलायची दाना खाद्य सुरक्षा अधिनियम की मानकों की अनदेखी करते हुए, उत्पाद निर्मित कर रहा है. जिसके चार दिन बाद राजनांदगाव जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों की टीम ने मजहर खान की फैक्ट्री ए वन ट्रेडर्स को शील भी कर दिया है.

वहीं स्थानीय मीडिया ने बीते दिनों इस मामले में यह खुलासा किया था कि माँ बम्लेश्वरी मंदिर में बांटने वाले इलायची दाना का प्रसाद मजहर खान की ए वन ट्रेडर्स की फैक्ट्री में ही बनता है. जिसके बाद माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति डोंगरगढ़ के द्वारा देर शाम इस मामले को लेकर अध्यक्ष का बयान आया की डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट के द्वारा किसी भी तरह की इलायची दाना प्रसाद के रूप में नहीं बांटा जाता है और न ही ख़रीदा जाता है. मंदिर ट्रस्ट प्रसाद के रूप में सिर्फ नारियल और मिश्री का ही उपयोग करता है. आपको बता दें इस खबर के बाद प्रसाद की असलियत जानने विस्तार न्यूज करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का प्रतिक माँ बम्लेश्वरी मंदिर में भक्तों को बाँटी जाने वाली प्रसाद की पड़ताल शुरू कर दी.

फैक्ट्री में हुए कई खुलासे

हमारे सवांददाता ने शुरुवात भी उसी जगह से की जहाँ से ये पूरा मामले की शुरूवात हुई थी . डोंगरगढ़ के ग्राम राका पे स्तिथ मजहर खान की फैक्ट्री एवन ट्रेडर्स जहाँ पर इलायची दाना प्रसाद के नाम पर श्री प्रसाद बनाया जाता था. वहीं बगल पर ही मुर्गी फार्म (पोल्ट्री फार्म) है. जिसके कारण उस स्थान का पूरा वातावरण अशुद्ध है.
वहीं ए वन ट्रेडर्स की फैक्ट्री में निर्मित “श्री प्रसाद” इलायची दाना की अगर हम बात करें तो इसके पैकिंजिंग में शुद्ध वातावरण में निर्मित होना लिखा है. लेकिन जब हमारे सवांददाता ने ग्राऊंड जीरो पर जाकर इसकी पड़ताल की तो वाकई में मजहर खान की फैक्ट्री एवं पोल्ट्री फार्म एक दूसरे से लगा हुआ था, जहाँ पर मुर्गीयों की लीद एवं गंदगी की वजह से असहनीय बदबू से पूरा का पूरा स्थान बदबू दे रहा था. जिससे उस जगह का पूरा वातवरण प्रभावित हो रहा था.

इलायची दाना बनाने वाली फैक्ट्री हुई शील, मजदूर हुए बेरोजगार.

मजहर खान की एवन ट्रेडर्स की फैक्ट्री को जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने शील कर दिया है फिलहाल फैक्ट्री में निर्माण कार्य बंद है लेकिन फैक्ट्री के शील होने से फैक्ट्री में काम करने वाले ग्राम राका के स्थानीय निवासी अब बेरोजगार हो गए हैं, जब हमारे सवांददाता ने फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों से बात की तो उन्होंने अपना घर की रोजी रोटी चलने का दुखड़ा बताते हुए खाद्य विभाग की कार्यवाही को ही गलत बताया और इसे षड़यंत्र के तहत किया जाना कहा. जो भी हो लेकिन खाद्य पदार्थ में यदी फैक्ट्री मालिक नियमों के तहत जारी मानकों का पालन नहीं कर रही है तो कार्यवाही लाजमी है. लेकिन बात तो यहाँ पर हिन्दुओं की आस्था से जुड़ी हुई थी जिसके बाद हमारे सवांददाता ने माँ बम्लेश्वरी मंदिर समिती ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष सी. पी. मिश्रा से मिलकर असलियत जानने की कोशिश की.

ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में है विश्व की पहली नाट्यशाला, भगवान राम के वनवासकाल से भी जुड़ा है इतिहास

माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के कोषाध्यक्ष ने प्रसाद को लेकर दी जानकारी

माँ बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट समिति के कोषाध्यक्ष सी. पी. मिश्रा से जब हमने बात की तो उन्होंने साफ तौर पर यह कह दिया की बम्लेश्वरी मंदिर में प्रसाद के रूप में शुद्ध मिश्री एवं नारियल ही बांटा जाता है, उनके बताये अनुसार उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध मिश्री को खरीदकर मंदिर प्रांगण में प्रसाद का पैकेजिंग किया जाता है. हमारा ट्रस्ट किसी भी तरह की इलायची दाना कहीं से भी नहीं खरीदते क्योंकि इलायची दाना को पूर्ण रूप से प्रतिबंद कर दिया है. हमारे सवांददाता ने सीपी मिश्रा के साथ प्रसाद के रूप में मिश्री का किये जा रहे पैकेजिंग मशीन को दिखाया जहाँ पर पैकेजिंग कर रही मशीन को जब चालू किया गया तो प्रसाद के पाउच से कचड़े निकलना शुरू हो गया. पैकिंजिंग मशीन को देखकर ऐसा लग रहा था की मशीन सालों से धूल खाती पड़ी हो. मशीन की साफ सफाई सालों से नहीं की गयी हो, पैकिंजिंग मशीन बमुश्किल आधा मिनट भी नहीं चल पाया और मशीन के अंदर चिंगारी फेंकते हुए शार्ट सर्किट होकर बंद पड़ गया. कोषाध्यक्ष सी.पी. मिश्रा यह देख कर हक्का बक्का रह गए और सवांददाता को बाद में आकर खबर बनाने लेनी की बात कही.

सवांददाता ने मंदिर के पुजारियों से भी बात की जहाँ माँ के दरबार में बैठे मंदिर के पुजारी ने नारियल का प्रसाद दिखाते हुए यही बाँटने की बात कही. वहीं श्रद्धालुओं के द्वारा बाजार में बिक रहे इलायची दाना फूल और नारियल माँ बम्लेश्वरी को चढ़ाया जा रहा था जिसे मंदिर के पुजारी उनसे लेकर निचे रखते जा रहे थे और प्रसाद के रूप में नारियल की प्रसाद बाँट रहें थे जिसे श्रद्धालु खा भी रहे थे.

“भोग प्रसाद” के नाम पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा 100-50 रूपये में बेचा जा रहा देशी घी से बने बेसन के लड्डू का प्रसाद

माँ बम्लेश्वरी के दर्शन करने के बाद जब माँ के दरबार से बाहर निकले तो मंदिर प्रांगण में माँ के नाम पर भोग लगने वाले भोग प्रसाद का स्टाल लगा हुआ था जहाँ पर ट्रस्ट का कर्मचारी पैकेट में बेच रहा था. हालांकि हमें मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष सी. पी. मिश्रा ने माता को लगने वाले प्रसाद के रूप में सिर्फ मिश्री और फल की बात बताई थी लेकिन जब स्टाल में बिक रहे प्रसाद की तरफ नजर गयी तो हम भी चौंक गए. हमने भी भोग प्रसाद स्टाल से सौ रूपये में एक डिब्बा लिया जिसमें लिखा था “भोग प्रसाद” माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट समिती डोंगरगढ़, शुद्ध देशी घी से बनी बेसन की लड्डू, जिसमें यह भी लिखा हुआ था. हमनें भोग प्रसाद के डिब्बे की पूरी पड़ताल की लेकिन भोग प्रसाद लड्डू पर लड्डू के निर्माण तिथि व एक्सपायरी की तारीख कहीं पर भी नहीं दिखी जबकि ट्रस्ट के द्वारा बेचीं जा रही भोग प्रसाद की लड्डू फसाई (fssai) से पंजीकृत है हालांकि आपको बता दें की दूध से बनी घी के उत्पाद ज्यादातर एक सप्ताह के भीतर ही एक्सीपायर हो जाते हैं. लेकिन ऐसे में मंदिर ट्रस्ट के समिती के द्वारा लापरवाही बरतते हुए निर्माण एवं एक्सपायरी की तारीख न डालना सीधे सीधे खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन है.

पुरानी हालत में दिखी मंदिर ट्रस्ट की मिश्री पैकेजिंग की मशीन

पुरानी हालत में दिखी पैकिंजिंग मशीन व “भोग प्रसाद” के नाम पर मंदिर ट्रस्ट के द्वारा प्रसाद के डिब्बे में बिना निर्माण तारीख एवं एक्सपायरी अवधि डाले खाद्य सुरक्षा अधिनियम का खुलेआम उलंघन करना नियमतः गलत है, क्योंकि नियम क़ानून सबके लिये समान है. अब देखना यह हैं की इस ख़बर के बाद जिला प्रसाशन एवं डोंगरगढ़ मंदिर ट्रस्ट की समिती नींद से कब जागती है.

ज़रूर पढ़ें