Chhattisgarh: खैरागढ़ में एक साल में ही जर्जर हुई सड़क, मरम्मत के नाम पर लाखों फुंके फिर भी नहीं बदली तस्वीर

Chhattisgarh News: खैरागढ़ जिले का एक ऐसा मार्ग जो बनने के बाद साल बीतते ही जर्जर होना शुरू हो गया. जर्जर सड़क की मरम्मत को लेकर प्रतिवर्ष राशि स्वीकृत की जाती है, परंतु स्वीकृत राशि के अनुसार सड़क मरम्मत नहीं होने के कारण हर साल यह स्थिति निर्मित हो जाती है.
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सड़कें हुई जर्जर

– नितिन भांडेकर 

Chhattisgarh News: खैरागढ़ जिले का एक ऐसा मार्ग जो बनने के बाद साल बीतते ही जर्जर होना शुरू हो गया. जर्जर सड़क की मरम्मत को लेकर प्रतिवर्ष राशि स्वीकृत की जाती है, परंतु स्वीकृत राशि के अनुसार सड़क मरम्मत नहीं होने के कारण हर साल यह स्थिति निर्मित हो जाती है. बता दें कि नवीन जिला खैरागढ़ से डोंगरगढ़ पहुंच मार्ग का जो वर्तमान में इतना बदतर हो चुका है, कि इस मार्ग पर कभी भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है. राजनांदगाव जिले के अंतर्गत आने वाली डोंगरगढ़ मार्ग और खैरागढ़ से डोंगरगढ़ जाने वाली मार्ग इन दिनों अपने गड्ढों के लिये सुर्खियां बटोर रहा है.

खैरागढ़ में एक साल में ही जर्जर हुई सड़क

बता दें कि 3 अक्टूबर से मां शारदेय नवरात्र प्रारंभ होने जा रहा है, जहाँ पर पैदल यात्रियों का जत्था माँ बम्लेश्वरी डोंगरगढ़ के दर्शन करने नौ दिनों तक पदयात्रा करती है. लेकिन यहाँ खैरागढ़ से खपरी सिरदार तक और खपरी सिरदार से ढारा तक तकरीबन 12 किलोमीटर तक की सड़कें बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं. वहीं आगे की सड़क में मरम्मत कार्य होने के कारण लगभग 8 से 10 किमी तक की सड़क बेहतर है, परंतु खपरी सिरदार से ढारा तक यह मार्ग अत्यंत जीर्ण-शीर्ण होकर गड्ढों में तब्दील हो चुका है. जिसके कारण यह मार्ग कच्ची सड़क से भी बदतर हो चुका है. रोजाना राहगीर इस मार्ग में बने जानलेवा गड्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को इसकी सुध तक नहीं है.  इस मार्ग पर हर 50 मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे हो चुके हैं, वहीं सड़क की परतें भी बुरी तरह उखड़ चुकी है, इसी मार्ग से कई वीआईपी एवं अधिकारीयों का आना-जाना है, लेकिन आलम ऐसा है कि इनके कान में जूं तक नहीं रेंगती.

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मरम्मत के नाम पर लाखों फुंके फिर भी नहीं बदली तस्वीर

जहां बारिश के दिनों में पानी भरे होने के कारण कई दुर्घटना घट चुकी है. ग्रामीणों के द्वारा बताया जा रहा है कि इस सड़क की मरम्मत के लिये प्रतिवर्ष संबंधित विभाग से लाखों की राशि स्वीकृत की जाती है परंतु स्वीकृत राशि का बंदरबांट होने के कारण सड़क में केवल लीपापोती कर छोड़ दिया जाता है. जिसके कारण सालभर बाद सड़क की स्थिति जस की तस हो जाती है, ऐसे में इसका खामियाजा केवल हम राहगीरों को भुगतना पड़ता है. बता दें कि इस मार्ग से साल में कई बाद अधिकारी सहित जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी आवागमन करते हैं परंतु इसके स्थायी समाधान को लेकर किसी के द्वारा विशेष पहल नहीं की जाती, केवल सड़क मरम्मत के नाम पर लंबी-चौड़ी राशि स्वीकृत कर बंदरबांट किया जाता है.

डोंगरगढ़ जाने की यह मार्ग वर्तमान में जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं वहीं अधिकतर स्थानों पर सड़क की परतें पूरी तरह उखड़ चुकी है जिसके कारण सड़क की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है, हालात यह हे कि थोड़ी सी भी लापरवाही राहगीरों की जान ले सकती है. बता दे कि इस मार्ग के जीर्णोद्धार के लिये प्रतिवर्ष लाखों की राशि स्वीकृत की जाती है परंतु उक्त सड़क पर लीपापोती कर छोड़ दिया जाता है. जिसके कारण सालभर बाद हालत जस की तस हो जाती है. बता दें कि बारिश से कुछ माह पहले ही उक्त सड़क में मरम्मत का कार्य किया गया था परंतु वर्तमान में सड़क की बदहाल स्थिति को देखकर नहीं लगता की सालों से इस सड़क का मरम्मत हुआ. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क निर्माण के नाम पर किस तरह लाखों की हेराफेरी की जाती होगी.

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