2 दिन में ‘शीशमहल’ खाली करेंगे केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व सीएम का ये होगा नया ठिकाना
Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगले दो दिन में अपना सरकारी आवास खाली कर सकते हैं. उनकी नए घर की तलाश खत्म हो गई है. दिल्ली के लुटियंस जोन में उनके लिए दो घर देखे गए हैं. इनमें से किसी एक में वह अगले एक से दो दिन में शिफ्ट हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के लिए फिरोजशाह रोड पर दो बंगले देखे गए हैं. आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल के लिए केंद्र सरकार से सरकारी आवास की भी मांग की है. पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय दल के प्रमुख के नाते उनका यह हक है.
बता दें कि यह घर रविशंकर शुक्ला लेन स्थित आप मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर हैं. पिछले महीने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह नवरात्रि के दौरान अपना आधिकारिक आवास खाली कर देंगे. आम आदमी पार्टी के ओर से जारी बयान में कहा गया कि केजरीवाल अगले 1-2 दिनों में आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास छोड़ देंगे, क्योंकि उनके और उनके परिवार के लिए एक आवास तय हो गया है.
ये भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले टेंशन में बीजेपी-कांग्रेस, बागियों की संख्या ने बदला राजनीतिक ‘खेल’
बंगला नंबर 5 या 10 में शिफ्ट हो सकते हैं केजरीवाल
अब नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में आने वाले दो मकानों को चुनाव किया गया है, जो पार्टी के दो राज्यसभा सांसदों के नाम आवंटित है. अरविंद केजरीवाल फिरोजशाह रोड पर स्थित बंगला नंबर 5 या बंगला नबर 10 में शिफ्ट हो सकते हैं. 5 नंबर बंगला पंजाब से राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के पास है, जबकि 10 नंबर दिल्ली से राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता का बंगला है. बता दें कि शराब नीति घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था. उन्होंने इस दौरान कहा कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं लेंगे. केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाया गया.
अरविंद केजरीवाल बंगला नंबर 5 या बंगला नंबर 10 में रहेंगे, अभी तक यह फाइनल नहीं हो पाया है. माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने फाइनल कर लिया है, मगर डिटेल सामने नहीं आई है. नवरात्र शुरू होते ही वह नए घर में शिफ्ट हो जाएंगे. अरविंद केजरीवाल बीते दिनों जमानत पर जेल से बाहर आए हैं. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया गया.