Chhattisgarh: नवरात्रि में बस्तर की अराध्य देवी मां दंतेश्वरी का पहला दर्शन पाता है किन्नर समाज, जानिए क्या है मान्यता

Chhattisgarh News: जगदलपुर का माई दंतेश्वरी मंदिर दशकों से बस्तर में आस्था का केंद्र रहा है. बस्तर की आराध्य देवी माई दंतेश्वरी के दर्शन के लिए देश भर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन नवरात्र की पहली पूजा किन्नर समाज के द्वारा की जाती है.
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किन्नरों ने दंतेश्वरी माता को चढ़ाई पहली चुनरी

Chhattisgarh News: जगदलपुर का माई दंतेश्वरी मंदिर दशकों से बस्तर में आस्था का केंद्र रहा है. बस्तर की आराध्य देवी माई दंतेश्वरी के दर्शन के लिए देश भर से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं, लेकिन नवरात्र की पहली पूजा किन्नर समाज के द्वारा की जाती है.

मां दंतेश्वरी का पहला दर्शन पाता है किन्नर समाज

बुधवार देर रात किन्नर समाज द्वारा शहर में श्रृंगार यात्रा निकाली गई. बग्गी में सवार होकर पूरे साज श्रृंगार के साथ निकले किन्नरों को देखने शहरवासी भी बड़ी संख्या में सड़क पर मौजूद थे. देवी भजन के धुन के बीच किन्नर दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे और सुबह 4 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुले वैसे ही पहला दर्शन किन्नरों के द्वारा किया गया. जिसके बाद माता को पहली चुनरी और श्रृंगार किन्नरों के द्वारा चढ़ाई जाती है.

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कई वर्षों से चली आ रही परंपरा

दरअसल हर साल नवरात्रि के शुरू होने से पहले देर रात किन्नर समाज ही मां दंतेश्वरी को पहली चुनरी चढ़ाते हैं. इस दौरान किन्नर समाज के सभी लोग श्रृंगार सामान लेकर दंतेश्वरी के दरबार पहुंचते हैं और नाच गाने के साथ मां की भक्ति में सराबोर हो जाते हैं. किन्नर समाज की अध्यक्ष रिया परिहार ने बताया कि हर साल किन्नरों के श्रृंगार यात्रा में जगदलपुर के अलावा पड़ोसी राज्य उड़ीसा से भी किन्नर भव्य यात्रा में शामिल होने के लिए बस्तर पहुंचते हैं और नवरात्रि के पहले दिन हर साल किन्नरों द्वारा श्रृंगार यात्रा निकाली जाती है. और इसमें बस्तर वासियों का भी समर्थन मिलता है बकायदा माता रानी के भजन के धुन पर सभी किन्नर थिरकते हुए माता को चुनरी और श्रृंगार का सामान चढ़ाने के लिए मंदिर पहुंचते हैं. और इस दौरान सभी किन्नर सात श्रृंगार किए होते हैं. अध्यक्ष रिया का कहना है कि मां दंतेश्वरी के प्रति किन्नरों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है यही वजह है कि हर साल नवरात्रि के पहले दिन चुनरी और श्रृंगार का समान किन्नरों के द्वारा ही माता को चढ़ाया जाता है किन्नरों ने कहा कि वह भी समाज का एक प्रमुख अंग है इस पूजा के पीछे उनका उद्देश्य होता है कि सभी व्यापारियों व बस्तरवासियों पर किसी तरह की कोई समस्या ना आए और किसी की गोद खाली ना रहे इसलिए मां दंतेश्वरी से वे प्रार्थना करने पहुंचते हैं मान्यता है कि नवरात्रि में मां दंतेश्वरी देवी का पहला दर्शन किन्नरों के द्वारा ही किया जाता है.

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