दिल्ली सरकार ने पटाखों पर अगले साल तक लगाया बैन, दशहरा के बाद राजधानी की हवा हुई जहरीली

दिवाली को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. यह बैन न केवल दिवाली तक, बल्कि सरकार ने यह बैन अगले साल तक के लिए लाई है.
Firecrackers

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने राष्ट्रिय राजधानी में पटाखें फोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

दिल्ली के लिए प्रदूषण आम मुद्दा बन गया है. राजधानी की हवाएं जहरीली हो रही हैं, लेकिन इसपर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे. जिस कारण दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स अक्सर पुअर क्वालिटी में रहता है. दिवाली को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. यह बैन न केवल दिवाली तक, बल्कि सरकार ने यह बैन अगले साल तक के लिए लाई है.

दिल्ली पॉलुशन कंट्रोल कमिटी ने सोमवार राजधानी में पटाखों की खरीद बिक्री पर रोक लगा दिया है. कमिटी की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकरी दी गई. दशहरा के अगले दिन रविवार को दिल्ली का AQI रेड जोन में रहा. वहीं दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर रेड जोन में पहुंच चूका है.

 

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने लगाई रोक

जिसके बाद दिवाली और अन्य त्योहारों को देखते हुए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने सोमवार को राष्ट्रिय राजधानी में 1 जनवरी, 2025 तक के लिए सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और पटाखें फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। यह प्रतिबंध त्योहार के सीजन से पहले आया है.

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इन इलाकों का AQI 300 के पार

आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा और ज्यादा जहरीली न हो जाए इसलिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने यह फैसला लिया है. सोमवार सुबह दिल्ली के आनंद विहार का AQI 307 मापा गया. वहीं नोएडा के सेक्टर 116 में AQI 306 मापा गया. इसी तरह ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क 5 में AQI 310 पर पहुंच चूका है. गाजियाबाद के भी कई इलाकों की स्थिति ऐसी ही मापी गई.

दिल्ली सरकार ने केंद्र को लिखी थी चिट्ठी

हाल ही में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को लेटर लिखा था. जिसमें दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के ऊपर चिंता जताते हुए एक अर्जेंट मीटिंग करने की बात कही थी. जिसमें दिल्ली के कई इलाकों में आर्टिफीसियल बारिश करवाने की बात कही गई थी.

जहरीली हवा होने के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत शुरू हो जाती है. प्रदूषण के चलते बुजुर्गों और बच्चों पर सबसे ज्यादा इसका प्रभाव देखने को मिलता है.

 

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