वोटों की गिनती शुरू होने से पहले फर्जी ट्रेंड दिखाने पर भड़के CEC राजीव कुमार, एग्जिट पोल को लेकर कह दी बड़ी बात

अब जैसे-जैसे चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और राजनीतिक दल इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे इस पर एक प्रभावी समाधान निकाल पाएंगे.
CEC Rajiv Kumar

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CEC Rajiv Kumar: चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया. इसके साथ ही, 13 राज्यों की 47 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की भी घोषणा की गई. हालांकि, इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने एग्जिट पोल दिखाने वासे टीवी चैनलों को जमकर फटकार लगाई है.  उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के मामले में आयोग के हाथ बंधे हुए हैं, लेकिन इस पर आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है. कुमार ने कहा, “एग्जिट पोल के सर्वे का साइज क्या है? इस पर बात होनी चाहिए. रिजल्ट अगर गलत आते हैं, तो इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए.”

हरियाणा के नतीजों ने बढ़ाई चिंता

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे एग्जिट पोल से उलट आए. 5 अक्टूबर को हुए चुनावों में लगभग सभी एग्जिट पोल ने कांग्रेस को बहुमत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन नतीजे घोषित होने पर भाजपा ने बहुमत हासिल किया. इसने एग्जिट पोल की सटीकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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चुनाव आयोग ने क्या-क्या कहा?

राजीव कुमार ने स्पष्ट किया कि मतदान खत्म होने के तीसरे दिन गिनती शुरू होती है. उन्होंने कहा, “चैनलों पर 8 बजकर 5 मिनट से ही रिजल्ट आने लगते हैं, जबकि वास्तविक गिनती का समय सुबह 8:30 बजे शुरू होता है. यह पूरी प्रक्रिया में गंभीरता को प्रभावित करता है.” CEC ने कहा, “हमारे पास सबूत हैं कि चैनलों पर शुरुआती लीड पहले ही बता दी जाती है, जो चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रभावित करता है.” अब जैसे-जैसे चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और राजनीतिक दल इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे इस पर एक प्रभावी समाधान निकाल पाएंगे.

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए अपनी तारीफ भी की. चुनाव आयोग ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के चुनाव में 130 करोड़ रुपए सीज हुए. जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव में कोई वॉयलेंस नहीं हुए. एक लाठी नहीं चली, एक गोली नहीं चली. चुनाव दर चुनाव घटती हिंसा और बढ़ते वोट प्रतिशत इस बात के संकेत दे रहे हैं कि लोग इसमें अपनी भागीदारी को बढ़ा रहे हैं. कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना.

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