CG News: सिम्स में डीन की कुर्सी को लेकर विवाद, स्टूडेंट्स की पढ़ाई से लेकर इलाज हो रहा प्रभावित, जानिए पूरा मामला
CG News: छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स एक बार फिर सुर्खियों में है. संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज का विवाद इस बार अधिष्ठाता यानी डीन पद को लेकर शुरू हो गया है. करीब एक महीना पहले छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स के अधिष्ठाता डॉक्टर के के सहारे को घोटाले और अव्यवस्था के आरोप में निलंबित कर दिया था. उनके निलंबन के बाद अंबिकापुर के डीन डॉक्टर रमनेश मूर्ति को बिलासपुर सिम्स में इस पद का प्रभार सौंपा गया, लेकिन एक दिन पहले एक एक निलंबित दिन डॉक्टर के के सहारे अपनी जॉइनिंग देने पहुंच गए. दरअसल उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री यानी शासन के उसे निलंबन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसे उन पर कई तरह के आरोप लगाकर उन्हें सस्पेंड किया गया था. डीन डॉक्टर सहारे की याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाईकोर्ट ने निलंबन पर स्टे दे दिया है. जिसके बाद डॉक्टर सहारे दोबारा सिम्स लौट आए हैं.
छुट्टी पर शासन के डीन, कुर्सी को लेकर विवाद
सरकार की तरफ से बिलासपुर सिम्स में बतौर अधिष्ठाता कार्यरत डॉक्टर रमनेश मूर्ति फिलहाल अमेरिका गए हैं और वे 10 दिनों की छुट्टी पर है, उन्होंने अपनी जगह प्रभारी अधिष्ठाता के तौर पर डॉ अर्चना सिंह को नियुक्त किया है, लेकिन डॉक्टर के के सहारे के लौटाने के बाद यहां इस बात का विवाद शुरू हो गया है कि आखिर इस कुर्सी पर बैठेगा कौन? क्योंकि एक पद के लिए तीन डॉक्टर आपस में विवाद कर रहे हैं. हाई कोर्ट से स्टे लेकर आए डॉक्टर के के सहारे, सरकार की तरफ से नियुक्त हुए डॉक्टर रमनेश मूर्ति और डॉ अर्चना सिंह तीनों ही इस पद के लिए जूझ रहे हैं. सवाल उठने लगा है कि आखिर यहां किसकी चलेगी.
बच्चों की पढ़ाई से लेकर इलाज तक प्रभावित
सिम संभाग का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज है और यहां एमबीबीएस के अलावा पीजी की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. अधिष्ठाता और डॉक्टरों का कर्तव्य बच्चों को पढ़ने के अलावा सिम्स अस्पताल में आने वाले मरीजों के इलाज करना भी सबसे बड़ी प्राथमिकता है लेकिन जिस तरह यहां पद का झगड़ा शुरू हो गया है, उसे यहां न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई बल्कि मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है.
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विस्तार न्यूज़ ने लिया जायजा
हाई कोर्ट से स्टे के बाद खुद को एक तरफ चार्ज सौंपने वाले डॉक्टर के के सहारे जब बुधवार की सुबह चार्ज लेने पहुंचे तो उन्होंने अर्चना सिंह को उसे कुर्सी पर नहीं बैठने दिया. इसके बाद डॉक्टर अर्चना सिंह ने मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग में डीन दफ्तर पर ताला लगवा दिया. कुल मिलाकर दिनभर विवाद की स्थिति रही जिसके चलते मरीजों का इलाज और मेडिकल कॉलेज के कई काम प्रभावित होते रहे. इस बीच विस्तार न्यूज़ ने मरीजों से बातचीत की तो सामने आया कि यहां न सिर्फ इलाज बल्कि ब्लड यूरीन और दूसरे सैंपल के लिए भटकाव की स्थिति है. घंटों लाइन में लगने के बाद लोगों को ना तो इलाज मिल पा रहा है और ना ही सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था सुधार पा रही है कुल मिलाकर स्थिति ठीक नहीं है और लगातार दिक्कत बनी हुई है.
मुझे बैठने नहीं दिया गया – प्रभारी डीन
इस पूरे मामले में प्रभारी डीन डॉक्टर अर्चना सिंह ने विस्तार न्यूज़ से बातचीत की है, उन्होंने बताया कि मंगलवार की दोपहर एकाएक पूर्व दिन डॉक्टर के के सहारे मेडिकल कॉलेज आ गए। और उन्होंने खुद के अनुमोदन से खुद को डीन का एक तरफा चार्ज दे दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें कुर्सी पर बैठने नहीं दिया गया और इसके कारण उन्हें अब समस्या होने लगी है। उन्होंने शासन से मांग की है कि इस स्थिति पर जल्द शान फैसला दें ताकि डीन का विवाद निपटाया जा सके.