MP GK: मध्य प्रदेश की तीन शानदार वर्ल्ड हेरिटेज साइट, एक की तस्वीर 200 रुपये के नोट में भी देखने को मिलती है
MP GK: मध्य प्रदेश को कई नामों से जाना जाता है. इसकी विशेषता इसके नाम में भी छुपी है. भारत के ह्रदय में स्थित प्रदेश मध्यप्रदेश. इतिहास, कल्चर, कला, भाषा और संस्कृति से समृद्ध है. आपको ये जानकर हैरानी होगी की मध्य प्रदेश सबसे ज्यादा किलों के मामले में दूसरे स्थान पर है. एमपी के हर जिले में संस्कृति के नए रंग देखने को मिलते हैं. इतिहास का अंश देखने को मिलता है. हजारों साल पुराने इतिहास को समेटे मध्य प्रदेश के कई सारे रंग हैं.
यहां तीन विश्व विरासत स्थल हैं. इनमें खजुराहो के मंदिर समूह, सांची स्तूप और भीमबेटिका है. तीनों यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल हैं.
1. खजुराहो मंदिर समूह: छतरपुर
छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो जहां 22 से ज्यादा मंदिर हैं. ये मंदिर 1100 साल से ज्यादा पुराने हैं. इन्हें शिल्पकला का तीर्थ कहा जाता है. इन मंदिरों को बलुआ पत्थर से बनाया गया है. मंदिरों में इतनी बारीक कारीगरी की गई है कि आज के समय अद्वितीय लगता है. इन 22 मंदिरों में कंदारिया महादेव मंदिर है जो कला का शानदार नमूना है.
इन मंदिर समूहों को साल 1986 में वर्ल्ड हेरिटेज घोषित किया गया. चंदेल राजाओं ने खजुराहो मंदिर समूहों का निर्माण करवाया था. मातंगेश्वर मंदिर, चौसठ योगिनी मंदिर, जवारी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर जैसे शानदार मंदिर हैं.
2. सांची स्तूप: रायसेन
रायसेन जिले में स्थित सांची स्तूप अपने आप में कला का बेमिसाल नमूना है. इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में 1989 में शामिल किया गया था. यहां कई सारे स्तूप हैं जिनका निर्माण अलग-अलग समय में हुआ. सांची का संबंध मौर्य, शुंग, गुप्त, सातवाहन जैसे महान राजवंशों से रहा है.
ये भी पढ़ें: कार्यकारिणी के बाद कांग्रेस की नई लिस्ट जारी, अशोक सिंह बने कोषाध्यक्ष, जानें अब किस-किस के नाम शामिल
यहां मठ, चैत्य, मंदिर बने हैं. यहां शंख लिपि देखने को मिलती है जो भारत के कुछ ही स्थानों पर लिखी गई है. आज हम 200 रुपये के नोट पर सांची के विशाल स्तूप को देख सकते हैं. इसका संबंध बौद्ध धर्म से है. यहां बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जाती है.
3. भीमबेटिका: रायसेन
रायसेन जिले में स्थित भीमबेटिका इतिहास का गवाह है. यहां पर कई सारी गुफाये हैं. इन गुफाओं में इतिहास के प्रमाण देखने को मिले जिनमें शानदार रंगीन कलाकृतियां शामिल हैं. 200 से ज्यादा गुफाओं में 10 हजार से 20 हजार साल पहले के चित्र देखे जा सकते हैं. इनमें गेंडे, घोड़े, हाथी, इंसान के चित्र शामिल हैं. ये भारत की सबसे ज्यादा चित्रों से भरी गुफा है. यहां इंसानों के द्वारा इस्तेमाल किए गए औजार भी मिले हैं.
इसे 2003 में यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया था.