MP News: ग्वालियर में किसान की जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा; न्याय ना मिलने पर आत्मदाह की दी धमकी

MP News: किसान ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की लेकिन वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई. अब किसान बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि किसानी करके वो अपना गुजार-बसर करता है. जमीन की रजिस्ट्री, बटांकन समेत सारे दस्तावेज उसके पास हैं
The land of a farmer was captured by the goons in Gwalior

ग्वालियर में किसान की जमीन पर दबंगों ने किया कब्जा

MP News: ग्वालियर में किसान की जमीन पर दबंगों के कब्जा का मामला सामने आया है. पीड़ित किसान ने पुलिस प्रशासन से मदद ना मिलने पर कलेक्टर दफ्तर के बाहर आत्मदाह की चेतावनी दी है. किसान का कहना है कि मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मदद की गुहार लगाई है.

क्या है पूरा मामला?

ग्वालियर के बड़ागांव मुरार में रहने वाले किसान बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि लाल टिपारा गौशाला के पास उसकी 3 बीघा जमीन है. जमीन पर 8 नवंबर को क्षेत्र के कुछ दबंग विनोद, रामबाबू, कंषाना और उनके 30 से 40 बदमाशों ने कब्जा करने की नीयत से जेसीबी-ट्रैक्टर लेकर पहुंचे. जब किसान ने इसका विरोध किया तो दबंगों ने जान से मारने की धमकी दी. पीड़ित किसान बृजेन्द्र सिंह का यह भी कहना है कि उसने मुरार थाने में इसकी शिकायत की.

किसान ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने रिपोर्ट लिखने से मना करते हुए तहसीलदार मुरार से लेटर लिखवाने के लिए कहा. जब वह तहसीलदार के पास पहुंचा तो उसे वहां भी न्याय नही मिला. तहसीलदार ने कब्जा रोकने से मना कर दिया.

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‘सीएम हेल्पलाइन पर की शिकायत, नहीं मिला मिला न्याय’

किसान ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की लेकिन वहां से भी कोई सुनवाई नहीं हुई. अब किसान बृजेन्द्र सिंह का कहना है कि किसानी करके वो अपना गुजार-बसर करता है. जमीन की रजिस्ट्री, बटांकन समेत सारे दस्तावेज उसके पास हैं. फिर भी कोई अधिकारी उसकी मदद नहीं कर रहा.

कलेक्टर ऑफिस में करेगा आत्मदाह- किसान

पीड़ित किसान ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों में उसकी जमीन को दबंगों से कब्जा मुक्त नहीं कराया गया तो वह कलेक्टर दफ्तर के बाहर आत्मदाह करने मजबूर होगा. जिसके कारण उसकी मौत की जिम्मेदारी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार और पटवारी की होगी.

आपको बता दे की किसान बृजेन्द्र सिंह ने गोलखाते की यह जमीन साल 2012 में खरीदी थी. 2014 में जमीन का बटांकन भी मुरार तहसील से किया गया. उसके बाद से वह किसानी कर रहा था. लेकिन आसपास के क्षेत्र में तेजी से बन रहीं अवैध कॉलोनियों को बसाने वाले दबंग किसान की जमीन पर कब्जा करने का गजब तरीका अपनाया. दबंगों ने किसान की जमीन को भी फर्जी तरीके से नोटरी और रजिस्ट्री करते छोटे-छोटे प्लॉट साइज में बेच दिया. यही वजह है कि दबंगों की ठगी का शिकार बने लोग भी अब किसान की जमीन पर कब्जा जमाने की नीयत से आये दिन पहुंच रहे हैं.

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