Jabalpur News: शादी का अनोखा इको फ्रैंडली कार्ड, पढ़ने के बाद पानी में भिगोकर तुलसी का पौधा उगा सकते हैं

MP News: जबलपुर के रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक रजनीश दुबे ने अपनी बेटी की शादी का इको फ्रेंडली शादी कार्ड तैयार कराया हैं. ये शादी का कार्ड पूरी तरह से इको फ्रेंडली कार्ड है. ये कार्ड ना केवल रिसाइकिल हो सकता है बल्कि इस कार्ड के जरिए तुसली का पौधा भी लगाया जा सकता है
Unique eco-friendly wedding card which can be soaked in water and used to grow Tulsi plant

शादी का अनोखा इको फ्रैंडली कार्ड जिसे पानी में भिगोकर तुलसी का पौधा उगा सकते हैं

MP News: शादियों के इनविटेशन कार्ड तो आपके घर आते ही होंगे. अमूमन इन कार्ड का कोई इस्तेमाल नहीं होता है. अगर आपके घर कोई ऐसा कार्ड आ जाए, जिसके जरिए आप पौधे उगा सकते हैं तो आपको हैरानी जरूर होगी. जबलपुर में ऐसी एक शादी का इनविटेशन कार्ड ना केवल पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दे रहा है बल्कि तुलसी का पौधा भी उगा सकता हैं.

शादी का कार्ड बनेगा तुलसी का पौधा

जबलपुर के रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक रजनीश दुबे ने अपनी बेटी की शादी का इको फ्रेंडली शादी कार्ड तैयार कराया हैं. ये शादी का कार्ड पूरी तरह से इको फ्रेंडली कार्ड है. ये कार्ड ना केवल रिसाइकिल हो सकता है बल्कि इस कार्ड के जरिए तुसली का पौधा भी लगाया जा सकता है. दरअसल ये कार्ड हैंडमेड कार्ड है. जिसमें केमिकल रंगों की जगह वेजिटेबल रंगों का इस्तेमाल किया गया है. यहां तक कि इस कार्ड के पेपर में तुलसी के बीज भी मौजूद हैं. इस कार्ड को रातभर पानी मे रखने के बाद गमले में डाले दें तो तुलसी का पौधा बन जाएगा.

रजनीश दुबे बताते हैं कि उन्होंने अपने पूरे जीवन भर जैविक खेती को बढ़ावा देने और पर्यावरण सुरक्षा पर काम किया है. इसी कारण उन्होंने अपनी बेटी की शादी के जरिए भी पर्यावरण संदेश देने का भी विचार किया. इसके साथ ही इको फ्रेंडली शादी कार्ड बनाने का फैसला लिया. देशभर में कुछ ही एक ऐसे शहर हैं, जहां हैंडमेड पेपर तैयार किया जाता है इसलिए उन्होंने इंदौर से इको फ्रेंडली शादी कार्ड बनवाया है.

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एक कार्ड की कीमत 45 रुपये

इसकी लागत भी बहुत कम है. महज 45 से 50 रुपये में इको फ्रेंडली कार्ड बनकर तैयार हो गया है. अगर छोटा कार्ड बनवाएं तो 25 से 30 रुपये में भी इको फ्रेंडली कार्ड बनकर तैयार हो सकता है. रजनीश दुबे बताते हैं कि कार्ड के जरिए वह लोगों को पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दे रहे हैं क्योंकि अमूमन शादी के कार्ड किसी के घर में भी इस्तेमाल नहीं किए जाते. वह केवल डस्टबिन में चले जाते हैं इसलिए इस तरह का इको फ्रेंडली कार्ड लोगों के घरों में हमेशा बना रहेगा.

रजनीश दुबे की बेटी शुभासनी भी इस फैसले से बेहद खुश हैं. उनका कहना है की पर्यावरण संरक्षण के लिए हम सभी को सोचना चाहिए है लेकिन जरूरत जागरूकता फैलाने की भी है. इको फ्रेंडली कार्ड के जरिए वह अपनी शादी को यादगार तो बना ही नहीं है साथ ही पर्यावरण सुरक्षा का संदेश भी दे रही हैं.

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